मुंबई, 26 जून महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना से मंत्री आदित्य ठाकरे ने रविवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पिछले महीने पार्टी नेता एकनाथ शिंदे से पूछा था कि क्या वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, हालांकि शिंदे ने तब बात को टाल दिया था।
पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने यह टिप्पणी शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए की है।
शिंदे ने पिछले हफ्ते पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी थी। शिवसेना के ज़्यादातर विधायक उनके साथ हैं और सब असम के गुवाहाटी में एक होटल में रह रहे हैं। उनके इस कदम से महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। एमवीए में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी शामिल है।
आदित्य ने शिंदे के विद्रोह के हवाले से कहा, “ 20 मई को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को (मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास)'वर्षा' बुलाया था और पूछा था कि क्या वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। हालांकि तब उन्होंने इस मुद्दे को टाल दिया था। लेकिन एक महीने बाद 20 जून को जो होना था वो हो गया।”
वर्ली से विधायक ने कहा कि उन्हें सूरत और गुवाहाटी भागने के बजाय सामने से पद की मांग करनी चाहिए थी।
इस बीच, शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में रविवार को प्रकाशित अपने साप्ताहिक कॉलम में, पार्टी सांसद संजय राउत ने कहा, शिंदे अगर शिवसेना में ही रहते तो उनके पास राज्य का मुख्यमंत्री बनने का एक अच्छा मौका था।
राउत ने कहा, “अगर भाजपा बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद के अपने वादे से पीछे नहीं हटती तो शिंदे मुख्यमंत्री होते। हैरानी की बात है कि शिंदे भाजपा में जाना चाहते हैं।”
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