मुंबई, 9 जनवरी : शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को बागी शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं पर फैसले से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर निशाना साधा. ठाकरे ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नार्वेकर की सोमवार को शिंदे से हुई मुलाकात "न्यायाधीश की अपराधी से मुलाकात" के समान है. नार्वेकर बुधवार को मुख्यमंत्री शिंदे और अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएंगे, जिनकी बगावत के कारण जून 2022 में शिवसेना में विभाजन हुआ था. उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों की याचिकाओं पर निर्णय लेने के वास्ते नार्वेकर के लिए समयसीमा 10 जनवरी तक बढ़ा दी थी.
ठाकरे ने कहा कि चूंकि उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल मई में नार्वेकर को बागी शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिकाओं पर फैसला लेने का निर्देश दिया था, इसलिए अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से दो बार मुलाकात की है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "कल हम उनसे किस तरह के न्याय की उम्मीद कर सकते हैं." जून 2022 में, शिंदे और कई अन्य विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी जिससे शिवसेना में विभाजन हो गया और महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस भी शामिल थीं. यह भी पढ़ें : Bihar Shocker: बिहार में दादा-पोते की गोली मारकर हत्या, भूमि विवाद में हत्या की आशंका
शिंदे और ठाकरे गुटों द्वारा दलबदल रोधी कानूनों के तहत एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की गई थीं. जून 2022 में बगावत के बाद शिंदे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे. पिछले साल जुलाई में राकांपा का अजित पवार गुट भी उनकी सरकार में शामिल हो गया था. निर्वाचन आयोग ने शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को 'शिवसेना' नाम और 'धनुष एवं तीर' चुनाव चिह्न दिया था, जबकि ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को चुनाव चिह्न के रूप में जलती मशाल के साथ शिवसेना (यूबीटी) नाम दिया गया था.