एयर इंडिया की ‘उड़ान’ पर अब प्रतिदिन करदाताओं के 20 करोड़ रुपये खर्च नहीं होंगे : सचिव तुहिन कांत पांडेय
तीन अलग-अलग मंत्रियों, कई बार नियमों में बदलाव, दो बार मिशन रुकने के बाद अंतत: अब दो दशक पश्चात भारतीय करदाताओं को घाटे में चल रही एयरलाइन एयर इंडिया को उड़ान में बनाए रखने के लिए प्रतिदिन 20 करोड़ रुपये नहीं देने होंगे.
नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर: तीन अलग-अलग मंत्रियों, कई बार नियमों में बदलाव, दो बार मिशन रुकने के बाद अंतत: अब दो दशक पश्चात भारतीय करदाताओं को घाटे में चल रही एयरलाइन एयर इंडिया को उड़ान में बनाए रखने के लिए प्रतिदिन 20 करोड़ रुपये नहीं देने होंगे.
विपक्षी कांग्रेस ने हालांकि एयर इंडिया की बिक्री के फैसले का विरोध किया है, लेकिन लोक संपत्ति एवं प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय का कहना है कि टाटा को हम दुधारू गाय नहीं सौंप रहे हैं. यह एयरलाइन संकट में थी और इसे खड़ा करने के लिए पैसा लगाने की जरूरत होगी. यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh: मायावती के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी बीजेपी की बेबी रानी मौर्य
पांडेय ने पीटीआई- से कहा, ‘‘टाटा एक साल तक एयरलाइन के कर्मचारियों को हटा नहीं सकती. उसके बाद भी यदि उसे अपने कर्मचारियों की संख्या में बदलाव करना है, तो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) देनी होगी.’’