Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में जेसीओ समेत दो जवान शहीद
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जम्मू, 14 सितंबर : जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के ऊपरी इलाकों में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) समेत दो सैन्यकर्मी शहीद हो गए जबकि दो अन्य घायल हो गए. सुरक्षा अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने छतरू क्षेत्र के नैदघाम इलाके में घेराबंदी करके एक तलाशी अभियान शुरू किया और इस दौरान ही मुठभेड़ हुई. उन्होंने बताया कि छतरू पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में नैदघाम गांव के ऊपरी इलाकों में पिंगनल दुगड्डा वनक्षेत्र में सुरक्षा बलों के तलाशी दलों और छिपे हुए आतंकवादियों के बीच गोलीबारी हुई.

अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में सेना के चार जवान घायल हो गए और उनमें से दो जवान जेसीओ नायब सूबेदार विपन कुमार और सिपाही अरविंद सिंह ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. सेना ने भी दो जवानों के शहीद होने की पुष्टि की है. सेना ने कहा, ‘‘व्हाइट नाइट कोर के जीओसी (जनरल ऑफिसर कमांडिंग) और सभी रैंक के जवान, बहादुरों के बलिदान को सलाम करते हैं और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.’’ इससे पहले, सेना ने कहा था कि जवानों का आतंकवादियों से आमना-सामना हुआ और अपराह्ल करीब साढ़े तीन बजे मुठभेड़ शुरू हुई.’’ जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘गोलीबारी में सेना के चार जवान घायल हो गए हैं. अभियान जारी है.’’ यह भी पढ़ें : Gujarat: गुजरात में गणेश विसर्जन के दौरान 10 लोग डूबे, पांच का शव बरामद, बचाव कार्य जारी

अधिकारियों ने बताया कि घायल जवानों को स्थानीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद हवाई मार्ग से सेना के अस्पताल ले जाया गया. यह मुठभेड़ सेना द्वारा उधमपुर जिले के बसंतगढ़ के ऊपरी इलाकों में जैश-ए-मोहम्मद संगठन से जुड़े दो पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराने के दो दिन बाद हुई है. कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई ने दो जवानों के शहीद होने पर दुख प्रकट किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की. कांग्रेस की प्रदेश कमेटी के उपाध्यक्ष रविंदर शर्मा ने एक बयान में कहा, ‘‘कांग्रेस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करती है... भाजपा सरकार आतंकवाद से निपटने में पूरी तरह विफल रही है.’’ उन्होंने कहा कि सरकार को स्थिति सामान्य होने के ‘‘खोखले दावे’’ करने के बजाय आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए.