देश की खबरें | दुष्कर्म के मामले में दो सगे भाइयों को 20-20 साल की कैद

पौड़ी (उत्तराखंड), 30 मई स्थानीय अदालत ने सोमवार को उत्तराखंड के पौड़ी जिले में एक नाबालिग लड़की के साथ चार वर्ष पहले हुए दुष्कर्म के एक मामले में दो सगे भाइयों को दोषी ठहराते हुए उन्हें बीस-बीस साल की सजा सुनाई।

पौड़ी के विशेष सत्र न्यायधीश (पॉक्सो) आशीष नेता ने कारावास के अतिरिक्त एक दोषी पर 50 हजार रुपये और दूसरे पर 75 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। जुर्माना नहीं भरने पर उन्हें अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

पौड़ी के विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) विजेंद्र सिंह रावत ने यहां बताया कि मामला धुमाकोट क्षेत्र के एक गांव का है जहां 2018 में एक नाबालिग लडकी का स्वास्थ्य खराब होने पर उसके परिजन उसे चिकित्सक के पास ले गए। वहां उन्हें पता चला कि वह छह माह की गर्भवती है। इसके बाद परिजनों ने चिकित्सक की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि गांव के ही मनोज के घर टीवी देखने गई थी, उसी दौरान उसके साथ बलात्कार किया। उसके बयान के आधार पर थाने की महिला उपनिरीक्षक ने आरोपी मनोज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।

पुलिस ने जब मनोज का डीएनए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा तो वहां से मिली रिपोर्ट में वह बच्चे का जैविक पिता नहीं पाया गया लेकिन उसमें विशेषज्ञों ने यह राय प्रकट की कि बच्चे का जैविक पिता आरोपी के वंश क्रम में हो सकता है।

इसके बाद पुलिस ने मनोज के 10 परिजनों का डीएनए नमूने लेकर विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजे जहां मनोज के भाई भरत सिंह का बच्चे के डीएनए से मिलान हो गया। इसके बाद पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए अपने बयान में बताया कि मनोज के साथ ही उसके भाई भरत ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया था।

पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इसी दौरान नाबालिग लड़की ने एक बच्चे को जन्म भी दिया है।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद विशेष सत्र अदालत ने मनोज को पॉक्सो कानून के तहत दोषी पाते हुए 20 साल का कारावास और 50 हजार का जुर्माना लगाया और भरत सिंह को 20 साल का कारावास और 75 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।

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