देश की खबरें | भाजपा राष्ट्रीय पदाधिकारियों की दो दिवसीय बैठक दिल्ली में, रहेगी आगामी चुनावों पर नजर

नयी दिल्ली, दो दिसंबर आगामी लोकसभा चुनाव और अगले साल कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की दो दिवसीय बैठक 5-6 दिसंबर को राजधानी दिल्ली में आयोजित की गई है।

इस बैठक की शुरुआत पांच दिसंबर को गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान वाले दिन दोपहर ढाई बजे होगी और इसका समापन अगले दिन शाम चार बजे होगा।

सूत्रों के मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में विभिन्न संगठनात्मक कार्यो की समीक्षा की जाएगी।

बैठक में मंडल, बूथ समितियों से लेकर विभिन्न संगठनात्मक गतिविधियों की समीक्षा की जाएगी। साथ ही लोगों तक पहुंच सुनिश्चित करने से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श भी होगा। सूत्रों के मुताबिक वैश्विक मंदी के बीच भारत की आर्थिक वृद्धि और देश को जी-20 की अध्यक्षता संभालने जैसे मुद्दे इस चर्चा के केंद्र में हो सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक बैठक में लोकसभा चुनाव से जुड़ी संगठनात्मक गतिविधियों और त्रिपुरा, कर्नाटक, मेघालय सहित कुछ राज्यों में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भी चर्चा की जाएगी।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में पार्टी के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों के अलावा सभी राज्यों के प्रभारी और सह प्रभारी, विभिन्न मोर्चां के प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेशों के संगठन महामंत्री भी हिस्सा लेंगे।

उनके मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बैठक के समापन सत्र को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर सकते हैं।

गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम आठ दिसंबर को आएंगे।

सूत्रों के मुताबिक इन दोनों राज्यों के चुनावों के बारे में भी बैठक में चर्चा की जाएगी।

बैठक के अन्य मुद्दों में सशक्त मंडल, सक्रिय बूथ एवं पन्ना समितियों के गठन, केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों और राष्ट्रीय पदाधिकारियों के लोकसभा प्रवास कार्यक्रम, बूथ स्तर पर प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम सुनने, एक भारत, श्रेष्ठ भारत संबंधी पार्टी के कार्यक्रमों की कार्ययोजना, सोशल मीडिया पर सक्रियता, जिलों में पार्टी कार्यालयों के निर्माण की प्रगति, विभिन्न मोर्चों की गतिविधियां और भाजपा की सदस्यता से जुड़े आंकड़ों का प्रभावी उपयोग शामिल है।

सूत्रों के मुताबिक प्रदेश अध्यक्षों व प्रदेशों के संगठन महामंत्रियों को अपने-अपने राज्यों से जुड़ी संगठनात्मक गतिविधियों का ब्योरा लेकर आने का कहा गया है।

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