नयी दिल्ली, आठ जुलाई देशभर में कोराना वायरस संकट के बावजूद भारतीय रेल की दो बड़ी परियोजनाओं ‘प्रतिबद्ध मालवहन गलियारा’ (डीएफसी) और बुलेट ट्रेन में विलंब नहीं होगा। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी. के. यादव ने बुधवार को यह बात कही।
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में अधिकतर अवसंरचना परियोजनाएं लॉकडाउन की वजह से मजदूरों और आर्थिक कारोबार में मंदी के चलते विलंब से चल रही हैं।
यह भी पढ़े | Sarkari Naukri: महाराष्ट्र पुलिस में निकलेगी बंपर भर्ती, गृह मंत्री अनिल देशमुख ने किया ऐलान.
रेलवे की इन दो परियोजनाओं से देश के रेल परिचालन में मूलभूत बदलाव आएगा।
डीएफसी के तहत मालगाड़ियों के लिए अलग रेल-मार्ग बनाए जा रहे हैं। इसमें पूर्वी गलियारा 1,839 किलोमीटर का है जो पंजाब में लुधियाना से पश्चिम बंगाल में कोलकाता के पास दानकुनी को जोड़ेगा। पश्चिमी गलियारा दिल्ली से मुंबई के बीच विकिसित किया जा रहा है। इसकी दौड़ 1,483 किलोमीटर है।
यह भी पढ़े | जानिए क्या है IPPB मोबाइल बैंकिंग ऐप और कैसे कर सकते हैं प्रयोग?.
डीएफसी कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार पूर्वी गलियारे का 60 प्रतिशत और पश्चिमी गलियारे का 56 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। वहीं परियोजना के लिए आवश्यक 99 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है।
यह परियोजना दिसंबर 2021 तक पूरी होनी है। इससे भारतीय रेल को अपनी 70 प्रतिशत मालगाड़ियां इस पर स्थानांतरित करने में मदद मिलेगी।
यादव ने पीटीआई- से एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ डीएफसीसीआईएल का अपने श्रमिकों को निर्माण स्थलों के पास शिविरों में रखने का निर्णय बहुत अच्छा है। वहां उन्हें मूलभूत सुविधाएं दी जा रही हैं जिसकी वजह से बड़ी संख्या में मजदूर अपने घरों को वापस नहीं गए हैं। इस वजह से काम रुका नहीं, बस थोड़ा धीमा हुआ है। वैसे भी अभी इसकी समयसीमा पूरा होने में काफी समय है।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)