
वहीं, आव्रजन छापेमारी के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शनों का दायर अब पूरे अमेरिका में फैल रहा है तथा इस सप्ताहांत और प्रदर्शन करने की योजना बनाई गई है। इन प्रदर्शनों की वजह से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ‘नेशनल गार्ड’ और नौसेनिकों को बुलाना पड़ा है।
सिएटल और ऑस्टिन से लेकर शिकागो और वाशिंगटन डी.सी. तक, प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की तथा वे आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) एजेंसी के खिलाफ बैनर लिए हुए थे और उन्होंने शहर के मुख्य मार्गों और संघीय कार्यालयों के बाहर यातायात को बाधित किया।
कई प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे, लेकिन कुछ जगह प्रदर्शनकारियों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ झड़पें हुईं, क्योंकि अधिकारियों ने गिरफ्तारियां कीं और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए रासायनिक पदार्थों का प्रयोग किया।
कार्यकर्ता आने वाले दिनों में और भी बड़े प्रदर्शनों की योजना बना रहे हैं। शनिवार को देश भर में ‘नो किंग्स’ कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और यह उस दिन किए जाएंगे जब वाशिंगटन में ट्रंप की सैन्य परेड प्रस्तावित है।
ट्रंप प्रशासन ने कहा कि वह विरोध प्रदर्शनों के बावजूद आव्रजन संबंधी छापेमारी और निर्वासन का अपना कार्यक्रम जारी रखेगा।
आंतरिक सुरक्षा मंत्री क्रिस्टी नोएम ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, ‘‘आईसीई कानून को लागू करना जारी रखेगी।’’
इस बीच कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम ने मंगलवार को एक सार्वजनिक संबोधन के दौरान कहा कि ट्रंप के निर्देश पर लॉस एंजिलिस में ‘नेशनल गार्ड’ और मरीन सैनिकों का आना सिर्फ संघीय अधिकारियों द्वारा आव्रजन छापों के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों को दबाने का प्रयास नहीं है।
उन्होंने कहा, यह एक सुनियोजित “युद्ध” का हिस्सा है जिसका उद्देश्य समाज की नींव को उखाड़ फेंकना और सत्ता को व्हाइट हाउस में केंद्रित करना है।
न्यूसम ने चेतावनी दी ‘‘कैलिफ़ोर्निया पहले स्थान पर हो सकता है, लेकिन यह स्पष्ट रूप से यहीं समाप्त नहीं होगा। आने वाले वक्त में अन्य राज्यों का भी नबंर आ सकता है।”
उन्होंने कहा, “लोकतंत्र पर हमारी आंखों के सामने हमला हो रहा है। जिस क्षण का हमें डर था, वह आ गया है।”
डेमोक्रेटिक पार्टी से संबंधित गवर्नर की यह टिप्पणी ट्रंप द्वारा देश के दूसरे सबसे बड़े शहर में नेशनल गार्ड और मरीन सहित लगभग 5,000 सैनिकों की तैनाती के आदेश के बाद आई है।
उन्होंने यह टिप्पणी उसी दिन की है जब उन्होंने अदालत से संघीय आव्रजन एजेंटों को सुरक्षा देने के लिए आई सेना पर आपातकालीन रोक लगाने का आग्रह किया है।
अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) द्वारा मंगलवार को पोस्ट की गई तस्वीरों में नेशनल गार्ड के कर्मी उन अधिकारियों को सुरक्षा दे रहे हैं जो लोगों की गिरफ्तारियां कर रहे हैं।
आईसीई ने एक बयान में कहा कि सैनिक संघीय भवनों पर सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं और संघीय अधिकारियों की रक्षा कर रहे हैं ‘जो दैनिक प्रवर्तन कार्यों पर हैं।’
इस बीच लॉस एंजिलिस की मेयर कैरेन बास ने मंगलवार को शहर के मुख्य क्षेत्र में ‘‘तोड़फोड़ और लूटपाट को रोकने के लिए’’ कर्फ्यू लगा दिया है।
बास ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने स्थानीय आपातकाल की घोषणा कर दी है और कर्फ्यू मंगलवार रात आठ बजे से बुधवार सुबह छह बजे तक लागू रहेगा।
बास ने कहा कि 23 व्यापारिक प्रतिष्ठानों में लूटपाट के बाद ‘‘हम एक महत्वपूर्ण बिंदु पर पहुंच गए।’’
कर्फ्यू शहर के मुख्य क्षेत्र के एक वर्ग मील (2.59 वर्ग किलोमीटर) इलाके में लागू रहेगा, जिसमें वह क्षेत्र भी शामिल है जहां शुक्रवार से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
लॉस एंजिलिस के पुलिस प्रमुख जिम मैकडॉनेल के अनुसार, शनिवार से शहर में ‘‘गैरकानूनी और खतरनाक व्यवहार’’ की घटनाएं बढ़ रही थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘पूरे लॉस एंजिलिस में लगातार कई दिनों से बढ़ रही अशांति के बाद जान माल की रक्षा के लिए कर्फ्यू एक आवश्यक उपाय है।’’
प्रदर्शन मुख्य रूप से शहर के बीचोंबीच केंद्रित रहे हैं। ये राज्य के अन्य शहरों और देश भर में फैल गए हैं, जिनमें डलास और ऑस्टिन, टेक्सास, शिकागो और न्यूयॉर्क शहर शामिल हैं।
न्यूयॉर्क सिटी में मंगलवार शाम को निचले मैनहट्टन में निर्वासन और संघीय आव्रजन नीति का विरोध करने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने रैली निकाली।
प्रदर्शनकारी दो संघीय भवनों के बाहर एकत्र हुए, जहां आव्रजन अदालतें हैं, तथा भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बीच मार्च करने लगे।
शिकागो में, मंगलवार को आव्रजन अदालत के बाहर लोग एकत्रित हुए और कैलिफोर्निया में ट्रंप प्रशासन की आव्रजन कार्रवाई तथा सैन्य उपस्थिति को समाप्त करने की मांग की।
लॉस एंजिलिस में आव्रजन छापे के दौरान शुक्रवार को यूनियन नेता डेविड ह्यूर्टा को हिरासत में लिए जाने के विरोध में सोमवार को बोस्टन के सिटी हॉल प्लाजा में सैकड़ों लोग एकत्र हुए।
वहीं, वाशिंगटन में छापेमारी के खिलाफ व ह्यूर्टा की रिहाई की मांग को लेकर सोमवार को कई यूनियन के लोग जमा हुए और न्याय विभाग की इमारत के सामने मार्च निकाला।
एपी
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