दिल्ली में हाइड्रोजन युक्त CNG से बसों को चलाने का परीक्षण शुरू, परिवहन नीतियों को बढ़ावा देने में कर रही है अगुवाई
दिल्ली में राजघाट डिपो पर हाइड्रोजन युक्त संपीड़ित प्राकृतिक गैस संयंत्र और वितरण स्टेशन का मंगलवार को उद्घाटन किया गया. इसके साथ ही 50 बसों में स्वच्छ ईंधन का छह महीने का परीक्षण भी शुरू हो गया. इस तरह यह 70 प्रतिशत कम कार्बन मोनो ऑक्साइड उत्सर्जन करता है.
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर: दिल्ली में राजघाट डिपो पर हाइड्रोजन युक्त संपीड़ित प्राकृतिक गैस (एच-सीएनजी) संयंत्र और वितरण स्टेशन का मंगलवार को उद्घाटन किया गया. इसके साथ ही 50 बसों में स्वच्छ ईंधन का छह महीने का परीक्षण भी शुरू हो गया. दिल्ली सरकार ने एक बयान में बताया कि उद्धाटन समारोह में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan), उनके मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, दिल्ली परिवहव विभाग, इंडियन ऑयल कोरपोरेशन लिमिटिड एवं इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटिड के अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gahlot) ने संयंत्र और वितरण स्टेशन का उद्धाटन किया. उन्होंने कहा कि हमने राजघाट डिपो की बीएस-चार श्रेणी की 50 बसों में एचसीएनजी ईंधन का छह महीने का परीक्षण शुरू किया है जो मंगलवार से आरंभ हो गया. उन्होंने कहा कि देश की राजधानी के तौर पर दिल्ली एचसीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे स्वच्छ ईंधन को अपनाकर पर्यावरण के प्रति सचेत परिवहन नीतियों को बढ़ावा देने में अगुवाई कर रही है.
गहलोत ने कहा, "मैं आश्वस्त हूं कि परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा होगा और एचसीएनजी का इस्तेमाल दिल्ली की अन्य बसों और निजी गाड़ियों में भी बढ़ाया जाएगा." इंडियन ऑयल के बयान के मुताबिक एच-सीएनजी में संपीडित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) में 18 प्रतिशत हाइड्रोजन को मिलाया जाता है.
इस तरह यह 70 प्रतिशत कम कार्बन मोनो ऑक्साइड उत्सर्जन करता है. वहीं बीएस-4 मानक वाले भारी वाहन सीएनजी इंजनों के मुकाबले 25 प्रतिशत कम उत्सर्जन करता है. इसके अलावा यह ईंधन से मिलने वाले माइलेज को 3 से 4 प्रतिशत बढ़ाता भी है.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)