चंडीगढ़/होशियारपुर, 29 सितंबर पंजाब में शुक्रवार को किसानों ने रेल पटरियों पर धरना दिया और चंडीगढ़-अंबाला-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। प्रदर्शनकारी किसान हाल ही में आई बाढ़ में फसल के नुकसान के लिए मुआवजे, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और व्यापक कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं।
तीन दिवसीय ‘रेल रोको’ प्रदर्शन में शामिल किसान देवीदास पुरा में अमृतसर-दिल्ली रेलवे लाइन पर बैठ गए, जबकि होशियारपुर में आज़ाद किसान समिति दोआबा के सदस्यों ने स्थानीय रेलवे स्टेशन पर धरना दिया।
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि कुछ ट्रेन रद्द की गई हैं जबकि कई रेलों का मार्ग परिवर्तित किया गया है। आंदोलन के कारण कुछ ट्रेनों को गंतव्य से पहले (शार्ट टर्मिनेट) समाप्त किया जा रहा है।
पंजाब में 17 जगहों पर आंदोलन चल रहा है। इन स्थानों में मोगा, होशियारपुर, गुरदासपुर, जालंधर, तरनतारन, संगरूर, पटियाला, फिरोजपुर, बठिंडा और अमृतसर शामिल हैं।
भारती किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के समर्थक किसानों का एक समूह पंजाब में लालरू के पास चंडीगढ़-अंबाला-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैठ गया, किसानों ने अपने ट्रैक्टर भी राजमार्ग के किनारे खड़े कर दिए।
पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि राजमार्ग के दोनों किनारों को अवरुद्ध कर दिया गया है और यातायात को वैकल्पिक मार्गों की ओर परिवर्तित किया गया है।
आजाद किसान कमेटी दोआबा के प्रदेश प्रमुख हरपाल सिंह संघा ने कहा कि आंदोलन शनिवार तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर उस समय तक मांगें पूरी नहीं हुईं तो आगे की रणनीति तय की जाएगी।
इस आंदोलन के कारण पंजाब और हरियाणा में अनेक यात्री फंसे हुए हैं।
लुधियाना रेलवे स्टेशन पर पटना जाने वाले एक बुजुर्ग यात्री ने कहा, ‘‘यह मसला किसानों और केंद्र के बीच का है, तो रेल यात्रियों को क्यों परेशान किया जा रहा है। कल (बृहस्पतिवार) से ही हम रेलवे स्टेशन पर प्रतीक्षा में बैठे हैं, लेकिन हमें इस बात का पता नहीं है कि हमारी ट्रेन कब आयेगी ।’’
पंजाब में बृहस्पतिवार की देर रात से ही रेल यातायात प्रभावित होने के कारण दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न गंतव्यों के सैकड़ों रेल यात्री हरियाणा के अंबाला छावनी स्टेशन पर फंसे हुए हैं ।
शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के जम्मू और कटरा रेलवे स्टेशनों पर बड़ी संख्या में यात्री एवं श्रद्धालु फंसे हुये हैं क्योंकि आंदोलन के कारण सात ट्रेन रद्द कर दी गयी हैं और 13 ट्रेन का मार्ग बदल दिया गया है।
एक रेलवे अधिकारी ने बताया कि आंदोलन का सीधा असर अंबाला और फिरोजपुर रेलवे डिवीजनों पर पड़ा है।
किसान मजदूर संघर्ष समिति सहित कई किसान समूह; भारती किसान यूनियन (क्रांतिकारी); भारती किसान यूनियन (एकता आज़ाद); आज़ाद किसान समिति, दोआबा; भारती किसान यूनियन (बेहरामके); भारती किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) और भारती किसान यूनियन (छोटू राम) विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं।
किसान संगठनों की मांगों में उत्तर भारत में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए आर्थिक पैकेज, सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और किसानों के लिए कर्ज माफी शामिल है।
किसान नेता गुरबचन सिंह ने बृहस्पतिवार को अमृतसर में कहा था कि किसान स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों के अनुसार उत्तर भारतीय राज्यों के लिए 50,000 करोड़ रुपये का बाढ़ राहत पैकेज और एमएसपी चाहते हैं।
उन्होंने किसानों और मजदूरों का पूरा कर्ज माफ करने और अब निरस्त किए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मरने वाले प्रत्येक किसान के परिजन को मुआवजे के तौर पर 10 लाख रुपये और सरकारी नौकरी देने की मांग की।
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