देश की खबरें | रक्षाबंधन पर देवीधुरा में खेली गयी पारंपरिक ‘बग्वाल’

हालांकि, बारिश और धुंध के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में हुई ‘बग्वाल’ में एक गुट ने हंगामा कर दिया । यह पहला मौका है जब ‘बग्वाल’ दो बार खेली गयी।

अधिकारियों ने यहां बताया कि 13 मिनट चली ‘बग्वाल’ के दौरान 20 श्रद्धालुओं सहित 125 लोग चोटिल भी हो गए ।

रहस्य, रोमांच, शौर्य और साहस की प्रतीक इस ‘बग्वाल’ के जरिए मां बाराही को प्रसन्न करने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है । माना जाता है कि इस क्षेत्र में आसुरी शक्तियां लगातार मानव वध कर महाविनाश कर रही थी जिसे रोकने के लिए वालिग,लमगडिया, गहड़वाल और चमियाल खामों या गुटों ने मां बाराही की शरण ली और उनके धाम देवीधुरा के प्रांगण में पत्थर युद्ध के जरिए एक मानव जितना रक्त अर्पित कर मां को प्रसन्न किया।

यह परंपरा प्राचीन समय से अनवरत जारी है लेकिन समय के साथ अब इसमें बदलाव कर पत्थरों की जगह फल और फूलों का प्रयोग किया जाता है ।

हालांकि, फूलों और फलों के साथ ‘बग्वाल’ में पत्थर भी चले जिससे लोग चोटिल हो गए ।

पूजा के बाद दोपहर 2:05 पर ‘बग्वाल’ शुरू हुई जो 11 मिनट चली । इसके बाद एक गुट के लोगों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि उनकी भागीदारी के बिना ‘बग्वाल’ कैसे संपन्न हुई । इस पर दो मिनट और ‘बग्वाल’ खेली गयी ।

इससे पहले, मुख्यमंत्री ने मां बाराही मंदिर में घंटी चढ़ाई तथा राज्य की खुशहाली एवं तरक्की की कामना की।

इस मौके पर उन्होंने कहा, “‘बग्वाल’ मेला हमारी लोक संस्कृति, आस्था और परंपराओं का संगम है । पीढ़ी दर पीढ़ी लोक संस्कृति को आगे बढ़ाना हम सभी का कर्तव्य है।”

धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उनकी सरकार देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के साथ ही पौराणिक स्थलों का भी संवर्धन कर रही है।

उन्होंने कहा कि मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों का सौंदर्यीकरण हो रहा है और देवीधुरा भी इस मिशन का महत्वपूर्ण भाग है।

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