‘‘प्रभावशाली’’ परिवार का ‘‘असल चेहरा’’ नहीं पहचान पाने के लिए ममता ने स्वयं को मूर्ख कहा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने किसी का नाम लिए बगैर ‘‘प्रभावशाली’’ अधिकारी परिवार का ‘‘असली चेहरा’’ नहीं पहचान पाने के लिए स्वयं को मूर्ख कहा।
कांथी/ नंदकुमार (पश्चिम बंगाल), 21 मार्च : पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने किसी का नाम लिए बगैर ‘‘प्रभावशाली’’ अधिकारी परिवार का ‘‘असली चेहरा’’ नहीं पहचान पाने के लिए स्वयं को मूर्ख कहा. बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं कहती हूं कि मैं बहुत बड़ी मूर्ख हूं कि उन्हें पहचान नहीं पाई.’’ यह भी पढ़े: West Bengal: ममता बनर्जी का बड़ा हमला, पीएम मोदी को कहा- क्रूर प्रधानमंत्री
उन्होंने पूर्व मेदिनीपुर जिले के अधिकारी परिवार के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हुए यहां एक चुनावी रैली में कहा कि उन्होंने यह अफवाह भी सुनी है कि ‘‘उन्होंने’’ एक बड़ा साम्राज्य बना लिया है. गौरतलब है कि आगामी चुनाव में नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं.
शुभेंदु ने पिछले साल दिसंबर में तृणमूल कांग्रेस छोड़ दी थी और वह भाजपा में शामिल हो गए थे. जिले में राजनीतिक दबदबा रखने वाले अधिकारी परिवार के अधिकांश सदस्य या तो भाजपा में शामिल हो गए हैं या उन्होंने भाजपा में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है.
शुभेंदु अधिकारी के पिता एवं तृणमूल कांग्रेस के सांसद शिशिर अधिकारी रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए. बनर्जी ने रैली में कहा, ‘‘मैं कहती हूं कि मैं बहुत बड़ी मूर्ख हूं (आमी एकटा बरा गधा) कि उन्हें पहचान नहीं पाई. मुझे नहीं पता, लेकिन लोगों का कहना है कि उन्होंने एक बड़ा साम्राज्य बना लिया है और वे मत खरीदने के लिए धन का इस्तेमाल करेंगे, लेकिन उन्हें वोट मत दीजिएगा.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के बाद वह इसकी जांच कराएंगी.
उन्होंने अधिकारी परिवार की तुलना ‘‘मीर जाफर’’ (गद्दार) से की और कहा कि क्षेत्र के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और अपने वोट से इसका जवाब देंगे. ऐसा माना जाता है कि मीर जाफर ने 1757 में प्लासी के युद्ध में नवाब सिराजुद्दौला से गद्दारी की थी, जिसके कारण भारत में ब्रितानी शासन के लिए रास्ता साफ हुआ था.
ममता ने आरोप लगया कि इस परिवार ने जिले में अपना नियंत्रण करके जमींदारों की तरह शासन किया. उन्होंने आरोप लगया कि उनकी अनुमति के बिना वह भी जिले में प्रवेश या जनसभा नहीं कर सकती थीं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं अब स्वतंत्र हूं और जिले में कहीं भी जा सकती हूं.’’
बनर्जी ने कहा कि उन्हें यह समझ नहीं पायी कि तृणमूल में सब कुछ मिलने के बावजूद ये ‘‘गद्दार’’ भाजपा में शामिल हो जाएंगे. उन्होंने राज्य के सरकारी कर्मियों के लिए सातवां वेतन आयोग लागू करने के केंद्रीय मंत्री अमित शाह के वादे पर निशाना साधते हुए पेट्रोल, डीजल और एलपीजी के बढ़ते दाम पर सवाल उठाए. तृणमूल प्रमुख ने भाजपा को ‘‘बदमाशों और गुंडों’’ की पार्टी बताया.