पीलीभीत में 12 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बाघिन पिंजरे में कैद
पीलीभीत में दीवार पर दिखा टाइगर (Photo Credits: X)

पीलीभीत (उप्र), 26 दिसंबर: पीलीभीत जिले के ग्रामीण इलाके में एक मकान की दीवार पर डेरा जमाने वाली बाघिन (मादा बाघ) को 12 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पिंजरे में कैद कर लिया गया. वन विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. बाघ संरक्षित क्षेत्र के उपनिदेशक नवीन खंडेलवाल ने संवाददाताओं को बताया कि मंगलवार को लगभग 11:00 बजे मादा बाघ को सकुशल पिंजरे मे कैद कर लिया गया.

उन्होंने कहा कि उसे बेहोश करने के लिए कुल चार डॉट (विशेष गन के जरिये दिया जाने वाला बेहोशी का इंजेक्शन) चलाये गये. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बाघ संरक्षित क्षेत्र की माला रेंज से चार किलोमीटर दूर स्थित अटकोना गांव में बाघिन ने दस्तक दी. गांव के रहने वाले किसान सुखविंदर सिंह सोमवार रात को परिवार संग सो रहे थे. कुछ दूरी पर उनकी कार खड़ी हुई थी. देर रात 12 बजे के बाद बाघिन ने उनकी कार पर छलांग लगाने के साथ जोर से दहाड़ा.

बाघिन की गर्जना सुनकर परिवार के लोग डर गये, टार्च जलाकर देखा तो मकान की दीवार पर उसे बैठी देखा। इसके बाद परिवार के लोगों ने शोर मचाना शुरू किया तो वहां काफी भीड़ एकत्र हो गई. सूचना मिलने पर पुलिस और वन विभाग की टीम भी वहां पहुंच गई.

मंगलवार सुबह तक बाघिन दीवार पर डेरा जमाए रही. इसके बाद वन विभाग की टीम ने उसे बचाने का अभियान शुरू किया. इस कवायद के तहत डॉक्टर दक्ष ने पहला डॉट चलाया जो किसी कारण बस उसे नहीं लगा.

इसके आठ मिनट बाद दूसरा डॉट चलाया गया जो उसे लगा, लेकिन बाघिन ने उसे अपने मुंह से निकाल दिया. तीसरा डॉट भी उसे नहीं लगा. अंत में चौथा डॉट उसे लगा और इसके बाद बाघिन दीवार से उतरकर कुछ देर तक लड़खड़ाते हुए चली और फिर बेहोश हो गई.

बेहोश होने के बाद बाघिन को पिंजरे में कैद कर वन विभाग की टीम अपने साथ ले गई। इस दौरान मौके पर लोगों की भारी भीड़ दिखी.

इस बीच एक ग्रामीण बाघिन के नजदीक जाकर उसे धक्का देने लगा जिसे पुलिसकर्मियों ने हटाया। लोगों ने बाघिन का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी सार्वजनिक कर दिया. पिछले कई दिनों से बाघों का ‘पीलीभीत बाघ संरक्षित क्षेत्र’ से सटे आबादी वाले इलाकों में पहुंचने का सिलसिला जारी है.

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