हिमंत विश्व शर्मा का बड़ा दावा कहा, वर्ष 2023 में चरमपंथी हिंसा के कारण असम में किसी भी जान नहीं गयी
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को दावा किया कि 2023 में चरमपंथी हिंसा के कारण राज्य में किसी की भी जान नहीं गयी और ‘जनजातीय उग्रवाद भी पूरी तरह खत्म हो गया.’
गुवाहाटी, 26 दिसंबर: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को दावा किया कि 2023 में चरमपंथी हिंसा के कारण राज्य में किसी की भी जान नहीं गयी और ‘जनजातीय उग्रवाद भी पूरी तरह खत्म हो गया.’ उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकतम हिस्सों से धीरे-धीरे सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (एएफएसपीए) को हटाया जाना भी शांति प्रयासों में एक अन्य बड़ी उपलब्धि रही. शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ केंद्र और राज्य सरकार के निरंतर प्रयास से असम में शांति और समृद्धि का दौर नजर आ रहा है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ 2023 में कई संगठनों ने अपने हथियार डाल दिये, और क्षेत्रों से एएफएसपीए हटाया गया, चरमपंथी हिंसा के कारण किसी की भी जान नहीं गयी एवं यह राज्य के लिए यह सफल साल रहा.’’ शर्मा ने कहा कि इस पूर्वोत्तर राज्य से धीरे-धीरे एएफएसपीए हटाया गया है और अब केवल चार जिले ही इसके अंतर्गत हैं. अधिकारियों के अनुसार, एएफएसपीए सुरक्षाबलों को अभियान चलाने और बिना किसी वारंट के, गिरफ्तारी का अधिकार देता है.
इसी के साथ, यदि सुरक्षाबलों के गोलियां चलाने पर किसी की जान चली जाती है तो उन्हें इस कानून के तहत गिरफ्तारी एवं अभियोजन से छूट प्राप्त है. शर्मा ने यह भी दावा किया कि 2023 में असम में ‘जनजातीय उग्रवाद का पूर्ण समापन’ हो गया. उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में कुल 8,756 पूर्व उग्रवादियों का पुनर्वास किया गया जिसपर (पुनर्वास पर) 300 करोड़ रुपये खर्च किये गये. उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण कर चुके उग्रवादियों को हुनरमंद बनाने और उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया और वे अब ‘राज्य की आर्थिक वृद्धि में हाथ बंटा’ रहे हैं.
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