न्यायालय के फैसले के बाद प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने में कोई झिझक नहीं होनी चाहिए
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या में भूमि विवाद के मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद अब 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने में कोई झिझक नहीं होनी चाहिए.
नयी दिल्ली, 12 जनवरी: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या में भूमि विवाद के मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद अब 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने में कोई झिझक नहीं होनी चाहिए. सिंह ने एक बयान में यह भी कहा कि उन्हें ‘‘ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह’’ के लिए निमंत्रण मिला है, लेकिन वह चिकित्सा कारणों से इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे.
उन्होंने कहा कि इस समारोह का जश्न दुनिया भर में लगभग एक अरब हिंदुओं द्वारा मनाया जाएगा. सिंह ने कहा, ‘‘राम मंदिर निर्माण के लिए 11 लाख रुपये का मामूली व्यक्तिगत दान दिया है और एक रघुवंशी के रूप में इस समारोह में शामिल होना बहुत खुशी की बात होगी. अफसोस की बात है कि 93 साल की उम्र के करीब पहुंचने के साथ मेरे लिए चिकित्सा आधार पर ऐसा करना संभव नहीं होगा.’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमारे परिवार की संस्था ‘धर्मार्थ ट्रस्ट’ (जम्मू-कश्मीर) द्वारा इस अवसर पर जम्मू में हमारे प्रसिद्ध श्री रघुनाथ मंदिर में एक विशेष उत्सव का आयोजन किया जा है और हम लोधी रोड पर अपने श्री राम मंदिर में भी छोटे स्तर पर ऐसा आयोजन कर रहे हैं.’’ उनका कहना था कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अगर आमंत्रित किया जाता है तो समारोह में शामिल होने में कोई झिझक नहीं होनी चाहिए.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के निमंत्रण को यह कहते हुए ‘ससम्मान अस्वीकार’ कर दिया कि यह भाजपा और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) का आयोजन है तथा ‘अर्द्धनिर्मित मंदिर’ का उद्घाटन चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है.
उच्चतम न्यायालय ने 2019 में एक ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था और हिंदुओं द्वारा पवित्र माने जाने वाले शहर में एक मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ का वैकल्पिक भूखंड मुहैया कराने का आदेश दिया था. इसके परिणामस्वरूप, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण का काम शुरू हुआ. आगामी 22 जनवरी को ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद रहेंगे.
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