नयी दिल्ली, 14 सितंबर विश्व चैंपियनशिप के बाद अगले तीन महीने में भारतीय मुक्केबाजी के कोचिंग स्टाफ में ‘पूरी तरह से बदलाव’ किया जा सकता है। राष्ट्रीय महासंघ के सूत्र ने यह जानकारी देते हुए खुलासा किया कि तोक्यो ओलंपिक में मुक्केबाजों के प्रदर्शन से अधिकारी ‘संतुष्ट नहीं’ हैं।
विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि दो हाई परफोर्मेंस निदेशक सेंटियागो नीवा (पुरुषों के) और रफेल बर्गामस्को (महिलाओं के) के अलावा राष्ट्रीय मुख्य कोच सीए कटप्पा (पुरुष) और मोहम्मद अली कमर (महिला) इस समय गहन समीक्षा के दायरे में हैं।
जुलाई-अगस्त में हुए खेलों में भारत ने पांच पुरुष और चार महिला मुक्केबाजों के रूप में मुक्केबाजी में अपना अब तक का सबसे बड़ा दल उतारा था लेकिन इनमें से सिर्फ लवलीना बोरगोहेन ही कांस्य पदक के साथ पोडियम पर जगह बनाने में सफल रही।
यह नौ साल में ओलंपिक में मुक्केबाजी का पहला पदक था लेकिन खेलों के महाकुंभ से पहले मुक्केबाजों के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए उनसे अधिक पदक की उम्मीद थी।
एक शीर्ष सूत्र ने पीटीआई को कहा, ‘‘ओलंपिक में प्रदर्शन से (महासंघ में) कोई भी खुश नहीं है। इसलिए जैसा हमने वादा किया था, समीक्षा चल रही है और यह लंबी प्रक्रिया है जिसमें कुछ महीने लगेंगे। दो विश्व चैंपियनशिप तक कोई बदलाव नहीं होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्या पता इसके बाद संपूर्ण बदलाव हो लेकिन हमें दो से तीन महीने तक इंतजार करना होगा।’’
पुरुष विश्व चैंपियनशिप का आयोजन सर्बिया में 26 अक्तूबर से किया जाएगा जबकि महिला टूर्नामेंट दिसंबर में होगा।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने नीवा और बर्गामस्को के कार्यकाल में तीन महीने का विस्तार किया है जिससे कि दो बड़ी प्रतियोगिताओं में निरंतरता बनी रहे। इन प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय चैंपियन देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। इन दोनों के अनुबंध तोक्यो ओलंपिक के बाद समाप्त होने थे।
पुरुष राष्ट्रीय चैंपियनशिप कर्नाटक के बेल्लारी में बुधवार से शुरू होगी जबकि महिला चैंपियनशिप अक्तूबर के मध्य में होगी।
बीएफआई के अध्यक्ष अजय सिंह ने खेलों के दौरान प्रदर्शन की समीक्षा का वादा किया था।
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