लखनऊ, 26 जून मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं और पिछले वर्ष राज्य में 48 करोड़ पर्यटक आए थे।
उन्होंने कहा कि अधिकांश पर्यटक धार्मिक पर्यटन के लिए आए थे।
उन्होंने कहा, “2023 में काशी में यह संख्या 10 करोड़ से अधिक रही। मथुरा-वृंदावन में 7.5 करोड़ से ज्यादा और अयोध्या में पांच करोड़ से अधिक पर्यटक आए। 500 वर्ष के बाद अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर के निर्माण के बाद यह संख्या कई गुना बढ़ गई है।”
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इको टूरिज्म पर आयोजित संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि नैमिषारण्य, चित्रकूट, शुकतीर्थ, विंध्यवासिनी धाम, मां पाटेश्वरी धाम, मां शाकंभरी धाम सहारनपुर, बौद्ध तीर्थ स्थल कपिलवस्तु, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, संकिसा, लखनऊ के निकट जैन और सूफी परंपरा से जुड़े स्थानों में धार्मिक पर्यटन की पहले से ही काफी संभावनाएं हैं।
आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य के तराई क्षेत्र (बहराइच, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बलरामपुर, पीलीभीत) में प्राचीन काल के वन हैं, जबकि दूसरी ओर नेपाल में वन लुप्त हो चुके हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘चूका, दुधवा, पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बाद अब चित्रकूट और बिजनौर के अमनगढ़ में टाइगर रिजर्व की प्रगति का काम किया जा रहा है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ प्रदेश में हेरिटेज और इको टूरिज्म की भी संभावनाएं हैं।
आदित्यनाथ ने कहा, “अतीत और इतिहास से जुड़ने का प्रयास होना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड का गठन इस उद्देश्य से किया गया है कि हम सभी भविष्य की चेतावनियों के प्रति सचेत रहें।
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