हावड़ा, नौ फरवरी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैंक, डाकघरों और जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पास जमा लोगों की पूंजी को लेकर बृहस्पतिवार को चिंता जताई और दावा किया कि भविष्य में ऐसे संस्थानों के अस्तित्व को खतरा हो सकता है।
बनर्जी का यह बयान उद्योगपति गौतम अडाणी के कारोबार में कथित अनियमितताओं पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद आया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और एलआईसी ने गौतम अडाणी के कारोबार में पैसा लगाया हुआ है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केन्द्र सरकार के परोक्ष संदर्भ में बनर्जी ने कहा, ‘‘किसी दिन वे कहेंगे कि एलआईसी, बैंक और डाकघरों को बंद करते हैं; ऐसे में जनता कहां जाएगी।’’
बनर्जी पंछाला में विभिन्न परियोजनाओं के शिलान्यास और सरकारी योजनाओं के विस्तार से संबंधित कार्यक्रम में बोल रही थीं।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि आम जनता जीवन बीमा और बैंक जमा में निवेश करती है, जो विभिन्न उद्योगपतियों को ऋण दे रहे हैं।
बनर्जी ने फिर से कहा कि केन्द्र सरकार ने अभी तक साल में 100 दिन की रोजगार गारंटी वाली योजना के लिए पश्चिम बंगाल को धन जारी नहीं किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें अभी तक मनरेगा के लिए 7,000 करोड़ रुपये मिलने बाकी हैं।’’
गौरतलब है कि अतीत में आवंटित धनराशि के समुचित उपयोग पर चिंता जताते हुए केन्द्र की भाजपा नीत राजग सरकार ने पश्चिम बंगाल को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए मिलने वाली धन राशि रोक दी है।
बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं केन्द्र सरकार से अनुरोध करती हूं कि गरीबों को वंचित न रखें और बकाया राशि जारी करें।’’
मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार ने 10 लाख कार्यदिवस सृजित किए और लोगों को राज्य सरकार के खाते से भुगतान किया।
बनर्जी ने कहा, ‘‘(प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत) 11 लाख मकानों के निर्माण की राशि भी अभी तक लंबित है।’’
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