बेंगलुरू, 15 अक्टूबर : भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने मंगलवार को कहा कि टीम के पास बल्लेबाजों का एक मजबूत समूह है और वह तेज गेंदबाजी में भी इसी तरह का समूह बनाना चाहते हैं जिससे कि चोटों का टीम के संतुलन पर असर नहीं पड़े. रोहित की यह टिप्पणी उस समय आई है जब सीनियर तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को चोट से उबरने में अधिक समय लग रहा है जबकि बाएं हाथ के तेज गेंदबाज यश दयाल के कंधे में भी चोट लगी है जिन्हें जिन्हें हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया था.
रोहित ने यहां न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘जब बल्लेबाजी की बात आती है तो बहुत सारे विकल्प हैं. हम गेंदबाजी में भी यही करना चाहते हैं. हम बेंच स्ट्रेंथ बनाना चाहते हैं जहां अगर कल किसी को कुछ भी होता है तो हमें चिंता नहीं हो.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम कुछ खिलाड़ियों पर बहुत अधिक निर्भर नहीं रहना चाहते. ऐसा करना सही नहीं है. हम भविष्य को देखते हुए यह सुनिश्चित करने की कोशिश करना चाहते हैं कि हमें सही खिलाड़ी मिलें.’’ यही कारण है कि भारत द्वारा तेज गेंदबाजों मयंक यादव, हर्षित राणा, नितीश कुमार रेड्डी और प्रसिद्ध कृष्णा को न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए रिजर्व के रूप में चुना जाना आश्चर्य की बात नहीं थी. हालांकि प्रसिद्ध की टीम के साथ यात्रा राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी से फिटनेस स्वीकृति मिलने पर निर्भर है क्योंकि उन्हें इंदौर में मध्य प्रदेश के खिलाफ कर्नाटक के शुरुआती रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान चोट लग गई थी. यह भी पढ़ें : Joe Root Shines Ball On Jack Leach’s Head: पाकिस्तान के खिलाफ दूसरे टेस्ट में जो रूट ने जैक लीच के सिर पर चमकाई बॉल, वीडियो देखकर नहीं रोक पाएंगे हंसी
रोहित ने साथ ही बताया कि भारतीय थिंक टैंक क्यों चाहता था कि ये युवा तेज गेंदबाज सीनियर टीम के साथ रहें. उन्होंने कहा, ‘‘तो कल अगर हमें लगता है कि वे उस भूमिका (घायल तेज गेंदबाज की जगह) को निभाने के लिए तैयार हैं तो उन्हें इसके लिए तैयार रहना चाहिए. बेशक उन्होंने हमारी घोषणा से पहले कुछ मैच खेले हैं.’’रोहित ने कहा, ‘‘उन्होंने दलीप ट्रॉफी, ईरानी ट्रॉफी भी खेली है. इसलिए हम बस यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उन पर अच्छी तरह से नजर रखी जाए. उनके काम के बोझ का ध्यान रखा जाए.’’ रोहित ने कहा कि ऐसा कदम उठाना जरूरी है क्योंकि टेस्ट क्रिकेट सफेद गेंद के प्रारूपों की तुलना में बिलकुल अलग खेल है और गेंदबाजों को इससे सामंजस्य बैठाने में समय लगता है.