नयी दिल्ली, आठ जून विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि आज दुनिया, खास तौर पर ग्लोबल साउथ, भारत को एक विकास साझेदार के रूप में देखता है तथा विश्व हमसे जुड़ना चाहता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के नौ साल पूरे होने पर जयशंकर ने संवाददाताओं से कहा कि भारत आज महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव डाल रहा है, जिसे दुनिया ने भी माना है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने पर पड़ोसी देशों के नेताओं के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने आने से लेकर आज तक विदेश नीति को लेकर स्पष्टता रही जो दुनिया को जानने, पड़ोस प्रथम सहित अन्य रूपों में सामने आई।
विदेश मंत्री ने वैश्विक मंच पर भारत के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि आर्थिक सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत ने महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसमें कोविड रोधी टीके की आपूर्ति का अभियान ‘ऑपरेशन मैत्री’ शामिल है।
उन्होंने देशों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करने में भारत के योगदान का उल्लेख करते हुए श्रीलंका के आर्थिक संकट का उदाहरण दिया।
विदेश मंत्री ने कहा कि आज दुनिया, खास तौर पर ग्लोबल साउथ, भारत को एक विकास साझेदार के रूप में देखता है। उन्होंने साथ ही कहा कि ‘ग्लोबल साउथ’ भारत को एक विश्वसनीय भागीदार के तौर पर देखता है।
जयशंकर ने उत्तरी सीमा पर स्थिति और ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल के खिलाफ देश के रुख का हवाला देते हुए कहा कि भारत किसी दबाव में नहीं आता।
उन्होंने विदेशों में रहने वाले भारतीयों के कल्याण का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘‘हमने लगभग हर वर्ष किसी न किसी अभियान को संचालित किया ।’’
विदेश मंत्री ने इस संबंध में यूक्रेन युद्ध के दौरान भारतीय छात्रों को वापस लाने, सूडान और अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को वापस लाने संबंधी अभियानों का जिक्र किया।
जयशंकर ने जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत की भूमिका तथा अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसी पहल का भी उल्लेख किया।
दीपक
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