नयी दिल्ली, 6 अक्टूबर : उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में 2009 की एक आवासीय परियोजना के संबंध में कुछ लोगों द्वारा मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया. अदालत के आदेश के कारण योजना में कथित अनियमितताओं के लिए याचिकाकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने न्यायिक रिकॉर्ड और इस तथ्य पर ध्यान दिया कि ''गरीबों के लिए 1200 से अधिक आवास इकाइयों में से, नालदुर्ग नगरपालिका के विभिन्न इलाकों में 302 आवास इकाइयों का निर्माण किया गया था और जिनमें से 202 का उपयोग किया जा सकता हैं और 100 अनुपयोगी और जीर्ण-शीर्ण स्थिति में हैं.'' यह भी पढ़ें : Maharashtra: महाराष्ट्र में दो लोग गिरफ्तार, 7.17 लाख रुपये की मेफेड्रोन बरामद
शीर्ष अदालत ने फैसले में कहा, ''मौजूदा मामले में, गंभीर अनियमितताओं की ओर इशारा करने वाले सबूत मौजूद हैं. सरकार ने संभागीय आयुक्त को 12 जून, 2019 को उनके द्वारा दायर हलफनामे में पुष्टि करने की अनुमति दी कि आपराधिक कार्यवाही शुरू की जाएगी. ''