देश की खबरें | प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा, हमारे एनआरआई रिश्तेदार आर्थिक सहायता करने के इच्छुक
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, छह दिसंबर नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-हरियाणा की सीमा पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दावा किया कि वे अपने आंदोलन को जारी रखने के लिए खुद ही सक्षम हैं। वहीं, कुछ प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि विरोध को जारी रखने के लिए उनके अप्रवासी भारतीय (एनआरआई) रिश्तेदारों ने भी मदद का भरोसा दिया है।

पंजाब के विभिन्न हिस्सों से आए प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली के सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं और अपनी मांगों को मनवाने के लिए ठंड में भी रातें सड़कों पर गुजार रहे हैं।

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किसान फल, सब्जियों और अन्य आवश्यक घरेलू सामानों को लेकर विरोध स्थल पर पहुंचे हुए हैं। कुछ स्थानीय निवासियों और स्वयंसेवी संगठनों के कार्यकर्ताओं के अलावा सिंघु बॉर्डर के पास स्थित गुरुद्वारे के सदस्य प्रदर्शनकारियों को राशन संबंधी वस्तुओं की पेशकश कर रहे हैं।

पंजाब की किसान संघर्ष समिति से जुड़े नौनिहाल सिंह ने कहा, '' मेरे परिवार के एक सदस्य कनाडा में रहते हैं और उन्होंने मुझे कोष समेत अन्य किसी भी तरह की हरसंभव सहायता के लिए अपना समर्थन जताने के वास्ते फोन किया। तरनतारन स्थित हमारे गांव के कई लोगों के एनआरआई रिश्तेदार हैं जिन्होंने अपना समर्थन जताया है।''

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उन्होंने कहा ‘‘पंजाब के किसान भारत में खेती करते हैं लेकिन हमारे परिवार के सदस्य पूरे विश्व में फैले हुए हैं।''

अपनी एसयूवी कार में बैठकर मोबाइल फोन चार्ज कर रहे त्रिलोचन सिंह सफरी (54) ने कहा, '' पंजाब ने किसान के तौर पर या स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर हमेशा भारत के लिए संघर्ष किया। भगत सिंह ने आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी और पंजाब का युवा देशभर के सशस्त्र बलों में शामिल है। कुछ लोग हमें आतंकवादी की तरह पेश कर रहे हैं। क्या इसके लिए ही हमारे पूर्वजों ने संघर्ष किए थे?''

उन्होंने कहा कि पंजाब से आए बहुत से प्रदर्शनकारी किसान समृद्ध हैं लेकिन वे अन्य किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यहां आए हैं।

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