जयपुर, 13 जून : राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बृहस्पतिवार को राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार पर जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल के पानी की योजना से प्रदेशवासियों को वंचित रखने का आरोप लगाया. करौली जिले के टोडाभीम के मुंडिया गांव में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को सशक्त बनाने के लिए संकल्पित है. उन्होंने कहा कि ‘‘केन्द्र एवं राज्य सरकार विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं एवं नीतिगत निर्णयों के माध्यम से किसानों को आर्थिक संबल प्रदान कर रही है.’’
शर्मा ने पिछली कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत ‘हर घर नल से जल’ के संकल्प से प्रदेशवासियों को वंचित रखा. उन्होंने कहा राज्य में यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. उन्होंने कहा,‘‘ पूर्ववर्ती सरकार ने केवल लुभावने वादे किए थे, गरीब से उनका कोई सरोकार नहीं था. लेकिन अब हमारी सरकार प्रदेशवासियों से किए प्रत्येक वादे को पूरा करेगी.’’ शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार समृद्ध एवं खुशहाल किसान की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने मूंडिया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत करने की घोषणा की. साथ ही, उन्होंने कहा कि स्व. कर्नल बैंसला के स्मरण में स्थानीय क्षेत्र की आवश्यकता को देखते हुए उनके नाम से शैक्षणिक संस्थान खोलने पर राज्य सरकार विचार करेगी. यह भी पढ़ें : Andhra Pradesh Road Accident: आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में भीषण सड़क हादसा, दो ट्रकों की टक्कर में 6 लोगों की मौत- VIDEO
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने अपना पूरा जीवन देश एवं समाज की सेवा में समर्पित किया.उनके अनुसार उनके जीवन से युवाओं को राष्ट्र को प्रथम मानकर देश-सेवा और सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरणा लेनी चाहिए. शर्मा ने कहा कि बैंसला ने लगभग तीन दशकों तक भारतीय सेना में रहते हुए चीन और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में भी भाग लिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना से सेवानिवृत्ति के बाद बैंसला ने समाज में असमानता, अशिक्षा और पिछड़ेपन के खिलाफ लोगों को जागरूक किया. शर्मा ने राज्य में पूर्व में गुर्जर आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व करने वाले बैंसला के बारे में कहा, "उन्होंने बालिका शिक्षा, बाल विवाह और शादियों में फिजूलखर्ची को बढ़ावा देने और दहेज प्रथा जैसी बुराइयों को खत्म करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया."
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