नयी दिल्ली, 20 फरवरी भारतीय अर्थव्यवस्था का परिदृश्य उज्ज्वल नजर आ रहा है और अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने की संभावना है। वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में मंगलवार को यह बात कही गई है।
रिपोर्ट में कहा गया कि देश को भू-राजनीतिक दबाव और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों में अस्थिरता से पैदा होने वाली प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों पर नजर रखने की जरूरत है।
चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह लगातार तीसरा साल होगा जब भारतीय अर्थव्यवस्था सात प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ेगी।
वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के पहले अग्रिम अनुमानों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में वृद्धि सात प्रतिशत से अधिक रह सकती है। ऐसे में कई वैश्विक एजेंसियों ने भी भारत के वृद्धि अनुमान को बढ़ाया है।
समीक्षा के मुताबिक, मौजूदा भू-राजनीतिक बाधाओं के बीच ये रुझान अपने वृद्धि पथ को बनाए रखने के भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरिम बजट 2024-25 में घोषित उपायों से भारत की वृद्धि यात्रा को आगे बढ़ाने में मदद मिलने की उम्मीद है।
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