जयपुर, 24 अक्टूबर संयुक्त राष्ट्र को व्यावहारिक रूप में एक विश्व संघ बनाने की जरूरत पर बल देते हुये राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि इसके लिए शांति और सद्भावना के साथ-साथ राष्ट्रों के समान रूप से विकास को गति प्रदान करने में विश्व निकाय को सहयोगी बनना होगा।
मिश्र रविवार को संयुक्त राष्ट्र दिवस के अवसर पर भारत एवं संयुक्त राष्ट्र’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज वंचित वर्ग और कम विकसित देशों को यह विश्वास दिलाने की जरूरत है कि संयुक्त राष्ट्र उनकी समस्याओं के समाधान के लिए संवेदनशील है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी, आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के बदलते प्रतिमानों के चलते आज संयुक्त राष्ट्र की व्यवस्था और प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता को बनाए रखने के लिए सुरक्षा परिषद जैसे संस्थानों में आवश्यक सुधार एवं विस्तार समय की मांग है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक सदस्य के रूप में भारत ने तो हमेशा इसके उद्देश्यों और सिद्धांतों का पुरजोर समर्थन किया है।
मिश्र ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र है और हमारा संविधान मानव अधिकारों का वैश्विक दस्तावेज है।
उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय के संयुक्त राष्ट्र अध्ययन उत्कृष्टता केन्द्र को विषय विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझावों का दस्तावेजीकरण कर इन्हें उचित मंच पर रखा जाना चाहिए।
मिश्र ने इस अवसर पर डॉ. विनय कौड़ा द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘इण्डिया एण्ड यूएन इन द ट्वण्टी फर्स्ट सेन्चुरी’ पुस्तक का लोकार्पण भी किया।
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