विदेश की खबरें | ‘स्पाईवेयर‘ के संभावित निशानों की सूची में मैक्रों का नाम भी शामिल

‘स्पाईवेयर’ एक सॉफ्टवेयर है, जो किसी के कम्प्यूटर में प्रवेश करके उसके बारे में सूचना जुटाता है और उसे चोरी-छिपे किसी तीसरे पक्ष को भेजता है।

‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ की महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘ एक ऐसा खुलासा.... जिससे कई विश्व नेताओं को चिंता हो सकती है।’’

पेरिस अभियोजक के कार्यालय ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि उसने गोपनीयता के उल्लंघन, डेटा के अवैध उपयोग और अवैध रूप से ‘स्पाइवेयर’ बेचने सहित संभावित आरोपों की जांच शुरू कर दी है।

फ्रांसीसी कानून के तहत, जांच में संदिग्ध अपराधी का नाम दर्ज नहीं है, लेकिन इसका उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि अंततः किस पर मुकदमा चलाया जा सकता है। दो पत्रकारों और फ्रांसीसी वेबसाइट ‘मीडियापार्ट’ की शिकायत के बाद जांच शुरू की गई है। कथित पीड़ितों द्वारा ‘एनएसओ’ समूह के खिलाफ कई मुकदमे दायर किए गए हैं। इसमें फेसबुक भी शामिल है, जिसने इज़राइल की कम्पनी पर उसकी सहायक व्हाट्सऐप को हैक करने का आरोप लगाया गया है।

‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की खबर के अनुसार, ‘एमनेस्टी’ और पेरिस स्थित गैर-लाभकारी पत्रकारिता संस्था ‘फॉरबिडन स्टोरीज’ को लीक किए गए 50,000 फोन नंबरों की सूची में, पाए जाने वाले संभावित लक्षित लोगों के नाम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और इराक के राष्ट्रपति बरहम सालिह शामिल हैं। तीन वर्तमान प्रधानमंत्री और मोरक्को के राजा, मोहम्मद (VI) भी इस सूची में शामिल हैं।

खबर के अनुसार, कोई भी राष्ट्राध्यक्ष अपने स्मार्टफोन को फोरेंसिक परीक्षण के लिए पेश नहीं करेगा, जिससे यह पता चल सके कि वह ‘एनएसओ’ के सैन्य-ग्रेड ‘पेगासस स्पाइवेयर’ की चपेट में आया या नहीं। जांच में 37 फोन में या तो स्पाईवेयर पाया गया या उसमें सेंध करने की कोशिश के सबूत मिले हैं। एक वैश्विक मीडिया संघ के 16 अन्य सदस्यों को लीक हुई सूची दी गई है।

फ्रांसीसी दैनिक समाचार पत्र ‘ले मोंडे’ ने कहा कि 2019 में मैक्रों के अलावा फ्रांस सरकार के 15 सदस्य संभावित लक्ष्यों में से एक हो सकते हैं।

‘एमनेस्टी’ ने रविवार को मामले से जुड़ा एक ‘फोरेंसिक विश्लेषण’ जारी किया था, जिसमें ‘अमेजन वेब सर्विसेज’ के एनएसओ को सेवाएं देने की बात सामने आई थी। इसके जवाब में, अमेजन ने कहा कि उसने एनएसओ के उन अकाउंट को बंद कर दिया, जिनके ‘‘ हैकिंग गतिविधि का समर्थन करने की पुष्टि’’ हुई थी।

अमेरिकी कम्पनी ‘डिजिटल ओशन’ के भी एनएसओ को अपनी सेवाएं देने की बात सामने आई। ‘एपी’ के कम्पनी से सम्पर्क करने पर उसने इस बात को ना स्वीकार किया और ना इससे इनकार। उसने एक ईमेल में कहा, ‘‘ एमनेस्टी की रिपोर्ट में जिन सेवाओं का जिक्र है उसका ‘डिजिटल मोशन’ से अब कोई नाता नहीं है।’’

एपी

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