जरुरी जानकारी | मंत्रीस्तरीय समिति निर्णय करेगी कि प्रत्येक रणनीतिक क्षेत्र में कितने लोक उपक्र रहेंगे: दीपम सचिव

नयी दिल्ली, तीन फरवरी निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहीन कांत पांडे ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी समेत मंत्रियों की समिति इस बात का अंतिम निर्णय करेगी कि प्रत्येक रणनीतिक क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र की कितनी कंपनियों को रखा जाए।

सरकार ने बजट में विनिवेश/रणनीतिक विनिवेश नीति का प्रस्ताव किया। और चार क्षेत्रों...परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष और रक्षा; परिवहन और दूरसंचार; बिजली पेट्रोलियम, कोयला और अन्य खनिज; तथा बैंक...को रणनीतिक क्षेत्रों में रखा है। इन क्षेत्रों में न्यूनतम संख्या में केंद्रीय लोक उपक्रमों को रखा जाएगा।

अन्य क्षेत्रों के केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीएसई) का निजीकरण किया जाएगा।

नीति आयोग उन केंद्रीय लोक उपक्रमों की प्रारंभिक सूची तैयार करेगा जिसे रणनीतिक बिक्री के लिये आगे बढ़ाया जा सके।

सार्वजिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी का प्रबंधन करने वाला विभाग दीपम के सचिव ने कहा कि रणनीतिक निवेश नीति एक महत्वपूर्ण बदलाव है। इससे निजी कंपनियों को मोटे तौर पर यह पता होगा कि कौन सी कंपनियां बिक्री के लिये हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कम-से-कम संख्या में कंपनियों को रखने का विचार है। मंत्री समूह (जीओएम) बनाया गया है जो एक वैकल्पिक व्यवस्था है। इसमें वित्त मंत्री, सड़क परिवहन मंत्री और संबंधित इकाइयों के प्रशासनिक मंत्रालयों के मंत्री इसमें शामिल हों। समूह इस बात का निर्णय करेगा कि किसी खास क्षेत्र के लिये न्यूनतम संख्या क्या होगी जिसे कायम रखे जाने की जरूरत है।’’

पांडे ने ‘पीटीआई-’ से बातचीत में कहा, ‘‘रणनीतिक क्षेत्रों को चार श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है...राष्ट्रीय सुरक्षा, महत्वपूर्ण ढांचागत सुविधाएं, ऊर्जा और खनिज तथा वित्तीय सेवाएं।’’

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