नयी दिल्ली, छह दिसंबर यूको बैंक के ग्राहकों के खातों में अचानक से जमा हुए 820 करोड़ रुपये का मामला अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के घेरे में है। यह पाया गया है कि जिस तरीख को जिन खातों में पैसे डाले गये थे, वे उसके आसपास ही खोले गये थे।
अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि सीबीआई मामले की जांच कर रही है। इसमें 41,000 से अधिक यूको बैंक ग्राहकों के खातों में 10 से 13 नवंबर के दौरान अचानक से पैसा जमा किया गया था। ग्राहकों के खातों में अलग-अलग राशि जमा की गयी, जबकि दूसरी तरफ मूल खाते में कोई राशि कटी नहीं थी।
अबतक जो सुराग मिले हैं, उसको देखते हुए जांच एजेंसी के घेरे में वे हजारों खाते हैं, जो पैसा जमा करने की तारीख के आसपास ही खुले थे।
सीबीआई ने इससे पहले एक बयान में कहा था कि कई खाताधारकों ने कथित रूप से स्थिति का लाभ उठाया और अपने खाते में जमा रकम तुंरत विभिन्न बैंक चैनलों का उपयोग करते हुए निकाल ली।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘बिना आपराधिक मकसद के खातों में पैसा प्राप्त करने वालों को हमारी जांच से कतई घबराने की जरूरत नहीं है। हमारा ध्यान केवल उन लोगों पर है, जिन्होंने यह साजिश रची और अंजाम दिया। जांच अभी शुरुआती चरण में है और सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि लोगों को धोखेबाजों से सावधान रहना चाहिए जो जांचकर्ता बनकर स्थिति का फायदा उठाना चाहते हैं। सीबीआई मामले में विवरण प्राप्त करने के लिए फोन कॉल नहीं करती है। इसीलिए, ऐसे कॉल के मामलों में लोग सीधे एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं।
जांच एजेंसी ने पाया कि जो पैसा खातों में डाले गये, उसमें ज्यादा राजस्थान स्थित खातों में डाले गये। वहां 230 शाखाओं और 28,000 खातों में तीन दिन में 7.50 लाख लेनदेन दर्ज किए गए। इन खातों में 760 करोड़ रुपये डाले गये थे।
अधिकारियों के अनुसार, इसके बाद कर्नाटक और पश्चिम बंगाल का स्थान रहा। इन दोनों राज्यों में खाताधारकों के खातों में 3.40 करोड़ रुपये और 2.60 करोड़ रुपये डाले गये।
सीबीआई के अनुसार, तीन दिनों में निजी बैंकों के 14,000 खाताधारकों से 8.53 लाख तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) लेनदेन के माध्यम से यूको बैंक के ग्राहकों के खाते में भेजे गये।
अधिकारियों के अनुसार, आश्चर्यजनक रूप से मूल बैंक खातों से कोई भी राशि ‘डेबिट’ नहीं की गई थी। कई खाताधारकों ने अपने खातों में अचानक से जमा पैसा निकाल लिया।
उन्होंने कहा कि यूको बैंक ने लगभग 820 करोड़ रुपये के ‘संदिग्ध’ आईएमपीएस लेनदेन को लेकर सीबीआई के पास शिकायत की। बैंक ने उससे जुड़े दो सहायक इंजीनियरों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी। इस शिकायत के बाद सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की।
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