अदालत में व्यक्ति ने पत्नी को गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाने का किया दावा, पेश करने का किया अनुरोध
दिल्ली हाईकोर्ट (Photo Credits: PTI)

नयी दिल्ली, 30 जून : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में एक व्यक्ति ने याचिका दायर कर दावा किया कि है कि कुछ लोगों द्वारा उसकी पत्नी और कई अन्य महिलाओं को जंजीर से बांधकर गैर कानूनी तरीके से बंधक बनाया गया है. उसने अदालत से पत्नी को पेश करने का आदेश देने का अनुरोध किया है. न्यायमूर्ति संजीव नरुला और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की अवकाश पीठ ने नोटिस जारी कर पुलिस को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. इससे पहले पुलिस ने बताया कि महिला इस समय ओमान में है. याचिकाकर्ता का पक्ष रख रहे अधिवक्ता लोकेश अहलावत ने बताया कि उनके मुवक्किल की पत्नी के मोबाइल फोन पर अप्रैल में कॉल आया और उसे पहाड़गंज के होटल में नौकरी देने की पेशकश की गई. उन्होंने बताया कि फोन करने वाले ने उनके मुवक्किल और पत्नी को नौकरी की पेशकश स्वीकार करने के लिए राजी करने की कोशिश की. याचिका में कहा गया कि शुरुआत में दंपत्ति ने इसे फर्जी कॉल समझा और नजर अंदाज किया. लेकिन जब बार-बार उसी नंबर से और उन्हीं व्यक्तियों के कॉल आए तो उन्होंने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.

याचिका के मुताबिक व्यक्ति और उसकी पत्नी गरीब परिवार से आते हैं और कॉल करने वाले ने कहा कि पत्नी को पहले नौकरी मिलेगी और इसके लिए उसे दिल्ली आना होगा और कुछ समय बाद पति को भी नौकरी दी जाएगी. अहलावत ने अदालत को बताया कि 29 मई को महिला बिहार से दिल्ली रेलगाड़ी के जरिये पहुंची और उसने अपने पति को फोन कर बताया कि उसे पहाड़गंज के होटल में रखा गया है; लेकिन उसके बाद से फोन बंद आने लगा. याचिका के मुताबिक आठ जून को व्यक्ति को उसकी पत्नी का फोन आया जिसमें उसने बताया कि उसे कई महिलाओं के साथ जंजीर में बांध कर एक बड़े कक्ष में रखा गया है और उनसे जानवरों जैसा व्यवहार किया जा रहा व दिन में केवल एक बार खाना दिया जा रहा. यह भी पढ़ें : त्रिपुरा में पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म कर हत्या के दोषी को मौत की सजा

याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे अशंका है कि महिलाओं को किसी वेश्यालय में बंदी बनाकर रखा गया है. याचिका में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि महिला अपहरण, अवैध बंधक, वेश्यावृत्ति और मानव तस्करी की पीड़ित है. व्यक्ति ने बताया कि उसने 10 जून को दिल्ली पुलिस आयुक्त से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. राज्य की ओर से पेश अधिवक्ता ने पुलिस निरीक्षक के हवाले से बताया कि जांच के मुताबिक याचिकाकर्ता की पत्नी ओमान में है, लेकिन उसे कोई नौकरी नहीं मिली है. अदालत ने इस मामले को सुनवाई के लिए सात जुलाई को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है.