HIV Test: मेले में आई नर्तकियों की एचआईवी जांच कराये जाने के आरोप पर MP सरकार ने दिए जांच के आदेश
मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के करीला में एक वार्षिक मेले में नृत्यांगनाओं की कथित तौर पर सरकारी चिकित्सकों द्वारा एचआईवी जांच किए जाने को लेकर विवाद पैदा हो गया है. इस संबंध में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) द्वारा संज्ञान लिए जाने और नोटिस दिए जाने के बाद अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं.
गुना (मप्र), 14 मार्च : मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के करीला में एक वार्षिक मेले में नृत्यांगनाओं की कथित तौर पर सरकारी चिकित्सकों द्वारा एचआईवी जांच किए जाने को लेकर विवाद पैदा हो गया है. इस संबंध में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) द्वारा संज्ञान लिए जाने और नोटिस दिए जाने के बाद अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं. ग्वालियर संभाग के आयुक्त दीपक सिंह ने कथित घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है. सिंह के अधिकार क्षेत्र में अशोकनगर जिला आता है. नृत्यांगनाओं की एचआईवी जांच किए जाने को लेकर एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट किया, ‘‘एनसीडब्ल्यू ने संज्ञान लिया है. एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कलेक्टर और डीएम (जिलाधिकारी) अशोकनगर को पत्र लिखकर इस तरह के अवांछित निर्णय लेने और नृत्यांगनाओं की भावनाओं को आहत करने के लिए जिला प्रशासन के खिलाफ आरोपों का लिखित स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है.’’
आयोग ने सोमवार को अपने ट्वीट में एक फेसबुक पोस्ट का भी हवाला दिया. इसी बीच, ग्वालियर संभाग के आयुक्त सिंह ने एक आधिकारिक पत्र में मीडिया रिपोर्टों के हवाले से कहा कि मेले में नृत्यांगनाओं की एचआईवी जांच की घटना से प्रशासन की छवि धूमिल हुई और एनसीडब्ल्यू ने इसे मानवाधिकार का उल्लंघन मानते हुए आपत्ति दर्ज कराते हुए जवाब भी मांगा है. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं (ग्वालियर) डॉ. राकेश चतुर्वेदी ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है और दो दिन में जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है. यह भी पढ़ें : Kashmiri Pandit Massacre: जम्मू-कश्मीर में 6 जगह छापेमारी कर रही एनआईए
सिंह ने यह भी बताया कि इस मामले में अशोकनगर जिले के प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. नीरज कुमार छारी का तबादला संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल में कर दिया गया है. अशोकनगर जिले के करीला में रंगपंचमी के दिन एक वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता है, जो इस साल 12 मार्च को मनाया गया, जहां माता जानकी का मंदिर स्थित है. इस मेले के दौरान बड़ी संख्या में नर्तकियां राई नृत्य (बुंदेलखंड का पारंपरिक लोक नृत्य) का प्रदर्शन करती हैं.