जरुरी जानकारी | मानसून, गन्ना उत्पादन पर निर्भर है चीनी निर्यात की अनुमति का मामला

नयी दिल्ली, 28 मई भारत 2024-25 सत्र में अंतिम गन्ना बुवाई और उत्पादन का आकलन करने के बाद चीनी निर्यात की अनुमति दे सकता है। ब्राजील के बाद दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक देश भारत अगले सत्र में चीनी उत्पादन कम यानी तीन करोड़ टन रहने की उम्मीद कर रहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

सूत्रों ने कहा कि सितंबर में समाप्त होने वाले मौजूदा 2023-24 सत्र में चीनी उत्पादन अबतक 3.15 करोड़ टन तक पहुंच गया है, अंतिम उत्पादन 3.18 करोड़ टन तक पहुंचने की संभावना है क्योंकि तब तक तमिलनाडु और कर्नाटक में मिलें पेराई बंद कर देंगी।

पिछले साल भारत में 3.28 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हुआ था।

सूत्रों ने कहा कि व्यापार जगत के अनुमान के अनुसार, कर्नाटक में कम बुवाई के कारण 2024-25 के सत्र में चीनी उत्पादन तीन करोड़ टन तक नीचे आने का अनुमान है।

सूत्रों में से एक ने कहा, ‘‘उद्योग जगत ने 10 लाख टन चीनी के निर्यात की मांग की है। चूंकि हम अगले साल कम चीनी उत्पादन की उम्मीद कर रहे हैं और एथनॉल उत्पादन के लिए स्टॉक की आवश्यकता है, सरकार की प्राथमिकता घरेलू खपत के साथ-साथ एथनॉल के लिए उपलब्धता सुनिश्चित करना है।’’

सूत्र ने कहा, ‘‘अधिशेष स्टॉक उपलब्ध होने पर निर्यात की अनुमति दी जा सकती है।’’

फिलहाल चीनी निर्यात पर अंकुश लगा हुआ है।

सूत्रों ने कहा कि सरकार जुलाई के बाद चीनी उत्पादन की स्थिति की समीक्षा करेगी, जब मानसून का विस्तार हो जाएगा और गन्ना बुवाई का अंतिम आंकड़ा उपलब्ध हो जाएगा।

भारत मुख्य रूप से बांग्लादेश, श्रीलंका और पश्चिम एशिया जैसे पड़ोसी देशों को चीनी का निर्यात करता है।

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