नयी दिल्ली, दो जून कोविड-19 महामारी के दौरान सेंट्रल विस्टा परियोजना पर सभी निर्माण गतिविधियों को रोकने की मांग वाली याचिका को खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 31 मई के आदेश को चुनौती देते हुए बुधवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की गयी।
इस परियोजना के तहत राजपथ और इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक निर्माण कार्य होने हैं।
इस परियोजना में एक नये संसद भवन का निर्माण तथा एक नये आवासीय परिसर का निर्माण शामिल है।
इसमें एक केंद्रीय सचिवालय भी होगा जिसमें विभिन्न मंत्रालयों के कार्यालय होंगे।
उच्च न्यायालय ने परियोजना को रोकने की याचिका को ‘दुर्भावना से प्रेरित’ बताते हुए इसे खारिज कर दिया था।
अदालत ने याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
वकील प्रदीप कुमार यादव ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए बुधवार को शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की।
उच्च न्यायालय में चली सुनवाई में पक्ष नहीं रहे यादव ने दावा किया कि उच्च न्यायालय का यह कहना उचित नहीं है कि याचिका दुर्भावना से प्रेरित है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)