देश की खबरें | भविष्य ‘युद्ध’ में नहीं, बल्कि ‘बुद्ध’ में निहित है: मोदी

भुवनेश्वर, नौ जनवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि दुनिया आज भारत की बात ध्यान से सुनती है और देश अपनी विरासत के कारण ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह कह पाता है कि भविष्य ‘युद्ध’ में नहीं, बल्कि ‘बुद्ध’ में निहित है।

ओडिशा की राजधानी में आयोजित ‘18वें प्रवासी भारतीय दिवस-2025’ सम्मेलन का औपचारिक तौर पर उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि भारत सिर्फ लोकतंत्र की जननी ही नहीं है बल्कि लोकतंत्र हर भारतीय के जीवन का हिस्सा है।

उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी का भारत, आज जिस गति से आगे बढ़ रहा है और जिस स्तर पर आज भारत में विकास के काम हो रहे हैं, वह अभूतपूर्व है। भारत की बात को आज दुनिया ध्यान से सुनती है। आज का भारत, अपना पक्ष तो मजबूती से रखता ही है, ग्लोबल साउथ की आवाज को भी पूरी ताकत से उठाता है।’’

‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।

मोदी ने कहा, ‘‘दुनिया में जब तलवार के जोर पर साम्राज्य बढ़ाने का दौर था, तब हमारे सम्राट अशोक ने यहां (ओडिशा में) शांति का रास्ता चुना था। हमारी विरासत का यह वही बल है, जिसकी प्रेरणा से आज भारत, दुनिया को कह पाता है कि भविष्य युद्ध में नहीं है, बुद्ध में है।’’

प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध, इजराइल और फलस्तीन के बीच संघर्ष और विश्व के कई देशों में हिंसा और अस्थिरता का दौर जारी है।

प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले भी कई मौकों पर वैश्विक मंचों से भी कह चुके हैं कि संघर्षों का समाधान युद्ध से नहीं बल्कि शांति के रास्ते से तलाशा जाना चाहिए।

उन्होंने भारत में आयोजित सफल जी20 सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया को देश की विविधता का प्रत्यक्ष अनुभव कराने के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों में इसकी बैठकें आयोजित की गईं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सिर्फ लोकतंत्र की जननी ही नहीं हैं, बल्कि लोकतंत्र हमारे जीवन का हिस्सा है। हमें विविधता सिखानी नहीं पड़ती, हमारा जीवन ही विविधता से चलता है।’’

मोदी ने कहा कि भारत अब ‘विश्व बंधु’ के रूप में जाना जाता है, इसे और मजबूत करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत की सफलता आज दुनिया देख रही है। आज जब भारत का चंद्रयान शिव शक्ति प्वाइंट पर पहुंचता है, तो हम सब को गर्व होता है। आज जब दुनिया, डि​जिटल इंडिया की ताकत देखकर हैरान होती है, तो हम सब को गर्व होता है। आज भारत का हर क्षेत्र आसमान की ऊंचाई छूने को आगे बढ़ रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना करते हुए कहा, ‘‘मैंने हमेशा प्रवासी समुदाय को भारत का राजदूत माना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम आपकी सुविधा और आराम को बहुत महत्व देते हैं। आपकी सुरक्षा और कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम संकट की स्थितियों के दौरान अपने लोगों की मदद करना अपनी जिम्मेदारी मानते हैं, चाहे वे कहीं भी हों।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह आज भारत की विदेश नीति के मार्गदर्शक सिद्धांतों में से एक है। पिछले दशक के दौरान, हमारे दूतावास और कार्यालय विश्वव्यापी रूप से संवेदनशील और सक्रिय रहे हैं।’’

मोदी ने कहा कि इससे पहले कई देशों में लोगों को कांसुलर सुविधाओं तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी तथा उन्हें मदद के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ा।

उन्होंने कहा, ‘‘अब इन समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। पिछले दो वर्षों में 14 दूतावास और वाणिज्य दूतावास खोले गए हैं। ओसीआई कार्ड का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है। इसे मॉरीशस की 7वीं पीढ़ी के पीआईओ तक बढ़ा दिया गया है...।’’

उन्होंने कहा कि भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां के समाज के साथ जुड़ जाते हैं और वहां के नियम और परंपरा का सम्मान करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम पूरी ईमानदारी से उस देश की, उस समाज की सेवा करते हैं। इन सबके साथ ही हमारे दिल में भारत भी धड़कता रहता है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि 1947 में भारत की आजादी में प्रवासी भारतीयों ने अहम भूमिका निभाई थी और अब 2047 तक देश को विकसित बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने इस लक्ष्य में प्रवासी भारतीय समुदाय से मदद का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि भारत न केवल युवा देश है बल्कि कुशल युवाओं का देश भी है।

मोदी ने दुनिया भर में कुशल कामगारों की मांग का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि जब भी भारतीय युवा विदेश जाएं, तो वे अपने साथ कौशल लेकर जाएं।’’

प्रधानमंत्री ‘18वें प्रवासी भारतीय दिवस-2025’ का उद्घाटन करने के लिए बृहस्पतिवार को यहां जनता मैदान पहुंचे।

अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान वह चार प्रदर्शनियों का उद्घाटन भी करेंगे। इसके बाद वह केंद्र तथा राज्य के मंत्रालयों व विभागों की प्रदर्शनियों और प्रचार स्टॉल का अवलोकन करेंगे।

प्रवासी भारतीय दिवस का 18वां संस्करण आठ जनवरी से 10 जनवरी तक विदेश मंत्रालय और ओडिशा सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन का विषय ‘विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान’ है।

सम्मेलन का उद्घाटन करने से पहले प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस को रिमोट के माध्यम से हरी झंडी दिखाई। दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से रवाना होने वाली यह सेवा भारतीय प्रवासियों के लिए एक विशेष पर्यटक ट्रेन है जो तीन सप्ताह तक उन्हें भारत के कई पर्यटन और धार्मिक स्थलों का सफर कराएगी।

ब्रजेन्द्र

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