नयी दिल्ली, 30 सितंबर सरकार का राजकोषीय घाटा अगस्त अंत में 4.68 लाख करोड़ रुपये रहा। यह बजटीय अनुमान का 31.1 प्रतिशत है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) के बृहस्पतिवार को जारी आंकड़े से यह जानकारी मिली।
चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटे का यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की समान अवधि की तुलना में काफी बेहतर है। पिछले साल कोविड-19 महामारी से निपटने के लिये किये गये उपायों पर खर्च बढ़ने से इसी अवधि में यह बढ़कर 109.3 प्रतिशत तक पहुंच गया था।
सीजीए ने कहा कि निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा यानी व्यय एवं राजस्व में अंतर 4,68,009 करोड़ रुपये रहा। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.8 प्रतिशत यानी 15,06,812 करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा है।
आंकड़े के अनुसार केंद्र सरकार की कुल प्राप्ति चालू वित्त वर्ष में अगस्त तक 8.08 लाख करोड़ रुपये रही। यह 2021-22 में बजटीय अनुमान का 40.9 प्रतिशत है।
पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की इसी अवधि में कुल प्राप्ति बजटीय अनुमान का 16.8 प्रतिशत रही थी।
कुल प्राप्ति में कर राजस्व 6.44 लाख करोड़ रुपये यानी बजटीय अनुमान का 41.7 प्रतिशत रहा जबकि पिछले वित्त वर्ष में इस दौरान कर राजस्व केवल 17.4 प्रतिशत था।
सीजीए ने कहा कि केंद्र का कुल व्यय अगस्त 2021 तक 12.76 लाख करोड़ रुपये रहा। यह बजटीय अनुमान का 36.7 प्रतिशत है।
वित्त वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.3 प्रतिशत रहा था। यह फरवरी में पेश बजट के संशोधित अनुमान 9.5 प्रतिशत के मुकाबले कम रहा था।
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