थाईलैंड की जेल में बंद हैदराबाद के युवक के परिजनों ने विदेश मंत्रालय से लगाई मदद की गुहार

हैदराबाद, 6 फरवरी : थाईलैंड की जेल में बंद हैदराबाद के 36 वर्षीय युवक को स्वदेश वापस लाने के लिए उसके परिजनों ने विदेश मंत्रालय से मदद की गुहार लगाई है. शेख अशरफ को थाईलैंड पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह म्यांमा से दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश में दाखिल हुआ था. अशरफ के परिजनों का दावा है कि “तस्करों” ने ऑनलाइन घोटाले से जुड़ी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उसे थाईलैंड भेजा था.

मजलिस बचाओ तहरीक (एमबीटी) के प्रवक्ता अमजद उल्लाह खान के माध्यम से बुधवार को भेजे गए एक पत्र में अशरफ के परिजनों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से उसे बचाने और उसकी स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया. परिजनों ने बताया कि अशरफ अगस्त 2023 में दुबई गया था, लेकिन उसे वहां नौकरी नहीं मिली, जिसके बाद एक चीनी ट्रैवल एजेंसी ने उसे थाईलैंड की एक आईटी कंपनी में नौकरी दिलाने की पेशकश की. परिजनों के मुताबिक, अगस्त 2024 में अशरफ दुबई से बैंकॉक पहुंचा, जहां से एजेंट उसे म्यांमा में एक अज्ञात स्थान पर ले गए और एक कंपनी में नौकरी के दौरान “ऑनलाइन” घोटाले से जुड़ी गतिविधियां करने के लिए मजबूर किया गया. यह भी पढ़ें : Illegal Indian Immigrants in US: अमेरिका से 104 भारतीय निर्वासित वापस लौटे, गुजरात के 33 नागरिक भी शामिल; जांच में जुटी एजेंसियां (Watch Video)

परिजनों के अनुसार, जब अशरफ ने किसी भी गलत काम में शामिल होने से इनकार किया, तो उसे मारा-पीटा गया और बिजली के झटके दिए गए. उन्होंने दावा किया कि कंपनी ने अशरफ की रिहाई के लिए 5,000 अमेरिकी डॉलर की मांग की. एमबीटी नेता ने कहा कि उन्होंने अशरफ की रिहाई में मदद के लिए नवंबर 2024 में थाईलैंड, म्यांमा और कंबोडिया स्थित भारतीय दूतावासों को पत्र लिखा. उन्होंने बताया कि अशरफ की पत्नी ने कर्ज लेकर कंपनी को 3,400 अमेरिकी डॉलर भेजे, जिसके बाद उसे रिहा कर दिया गया. हालांकि, म्यांमा से थाईलैंड में प्रवेश करने पर थाईलैंड पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और जेल में डाल दिया.