जयपुर, 14 फरवरी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए पूरे समाज को कोशिश करनी होगी कि महिलाएं आर्थिक विकास को गति प्रदान करें और महिला नेतृत्व के विकास की सोच के साथ कार्य करें. उन्होंने कहा कि आज देश में आधी आबादी महिलाओं की है. राष्ट्रपति बेणेश्वर धाम में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी आदिवासी महिलाओं को संबोंधित कर रही थीं.
उन्होंने सवाल किया, ‘‘ देश की 140 करोड़ आबादी में से आधी आबादी यानी 70 करोड़ महिलाएं घर बैठेंगी तो देश कैसे चलेगा, समाज कैसे चलेगा, देश आगे कैसे बढ़ेगा? राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ इसलिए देश को चलाने के लिये, घर परिवार को चलाने के लिये महिला और पुरूष दोनों का सहयोग जरूरी है. देश का आर्थिक, सामाजिक विकास करने के लिये पुरुष और महिला दोनों का ही सहयोग आवश्यक है.’’
उन्होंने कहा कि आज दोनों के सहयोग से देश आगे बढ रहा है. भारत की ओर लोग उम्मीदों के साथ देख रहे हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं में शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देना चाहिए. ऐसा करने से वे देश और विश्व की प्रगति में बराबर की साझेदार बन सकेंगी. उन्होंने कहा कि ‘‘आज हमारे बीच उपस्थित जनजातीय बहने और बेटियां भारत की विकास यात्रा में सराहनीय योगदान दे रही हैं.’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी आप (महिलाएं) भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में अग्रणी भूमिका निभायेंगी। आपकी सफलता के बल पर ही समस्त भारत का भविष्य उज्ज्वल होगा.
आप सभी बेटियों और बहनों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जनजातीय समुदाय के जीवन मूल्य अनुकरणीय है.. हमें उनसे सीखना चाहिए कि कैसे प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहना संभव है. हमें सीखना होगा कि कैसे कम से कम साधनों से बिना प्रकृति को हानि पहुंचाए जीवन जीना संभव है.’’ राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातीय समुदाय के लोग स्वभाव से ही समानता और लोकतंत्र के मूल्य को मानते रहे हैं।महिला सशक्तिकरण, मानवता का ही एक विशेष रूप है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया भी मौजदू थे.
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