नयी दिल्ली, 21 नवंबर दिल्ली की एक अदालत इस बारे में बृहस्पतिवार को फैसला कर सकती है कि जम्मू कश्मीर के लोकसभा सदस्य इंजीनियर रशीद के खिलाफ कथित आतंकवाद वित्तपोषण के मामले को अब विशेष एमपी/एमएलए अदालत में स्थानांतरित करना चाहिए या नहीं क्योंकि वह अब सांसद हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने रशीद की नियमित जमानत अर्जी पर आदेश कल सुनाने का फैसला किया।
न्यायाधीश ने पहले कहा था कि मामले को जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुकदमों पर सुनवाई करने वाली विशेष अदालत में भेजा जा सकता है।
रशीद को कुछ महीने पहले संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में बारामूला लोकसभा सीट से चुना गया था। उन्हें 2017 के एक आतंकवाद वित्तपोषण मामले में विधिविरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 2019 में गिरफ्तार किया था और तभी से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं।
न्यायाधीश ने मामले में जमानत आदेश सुरक्षित रखते हुए कहा कि पहले वह अधिकार क्षेत्र के मुद्दे पर विचार करेंगे और फिर तय करेंगे कि मामले को विशेष अदालत में भेजा जाए या नहीं।
रशीद ने अपनी अंतरिम जमानत अवधि पूरी होने के बाद 28 अक्टूबर को तिहाड़ जेल के अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था।
अदालत ने उन्हें जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए 10 सितंबर को अंतरिम जमानत दी थी और उनकी नियमित जमानत अर्जी पर आदेश टाल दिया था।
शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद की अंतरिम जमानत को बाद में उनके पिता की खराब सेहत के आधार पर 28 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया था।
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