नयी दिल्ली, 28 जुलाई दिल्ली की एक अदालत ने जहांगीरपुरी में इस साल अप्रैल में हुई हिंसा के मामले में दाखिल किए गए आरोपपत्र का बृहस्पतिवार को संज्ञान लिया।
दिल्ली पुलिस ने 14 जुलाई 2022 को 45 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करते हुए दावा किया था कि जहांगीरपुरी की घटना संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में शाहीनबाग में 2019 और 2020 में हुए प्रदर्शन और फिर फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों की ही अगली कड़ी है।
पुलिस के मुताबिक 10 अप्रैल 2022 को राम नवमी पर हुई घटनाओं के बाद ये देश के अन्य हिस्सों में भी हुईं।
चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपिका सिंह ने आरोपियों के खिलाफ समन और पेशी के लिए वारंट जारी करते हुए मामले को छह अगस्त 2022 के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
उल्लेखनीय है कि 2,063 पृष्ठों के आरोपपत्र में गिरफ्तार किए गए 37 आरोपियों के नाम हैं। उनके अलावा आरोपपत्र में अन्य आठ आरोपियों के भी नाम हैं जो फिलहाल फरार हैं।
आरोपपत्र में आपराधिक साजिश, दंगा, हत्या का प्रयास और एक लोक सेवक पर हमला, उसे कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और सशस्त्र अधिनियम के प्रावधानों के तहत दंडनीय विभिन्न अपराध शामिल हैं।
गौरतलब है कि अप्रैल 2022 में दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हुई झड़पों में आठ पुलिस कर्मी और एक स्थानीय व्यक्ति घायल हो गया था।
पुलिस के अनुसार, झड़पों के दौरान पथराव और आगजनी की गई थी।
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