नयी दिल्ली, 31 मार्च दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केन्द्र से कहा कि वह एलजीबीटीक्यू जोड़े के विवाह को विशेष, हिन्दू और विदेशी विवाह कानून के तहत मान्यता देने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई का सीधा प्रसारण करने का अनुरोध करने वाली अर्जी पर दो सप्ताह के भीतर जवाब दे।
अदालत में अर्जी देकर अनुरोध किया गया है कि समलैंगिक विवाह को मान्यता देने संबंधी मामले की सुनवाई राष्ट्रीय और संवैधानिक महत्व की बात है, ऐसे में इसका सीधा प्रसारण किया जाना चाहिए।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ को जब बताया गया कि एक अर्जी के आधार पर 30 नवंबर, 2021 को नोटिस जारी किया गया था, लेकन कोई जवाब नहीं मिला है, पीठ ने केन्द्र सरकार से दो सप्ताह के भीतर प्रतिक्रिया देने को कहा ।
अदालत कई समलैंगिक जोड़ों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने अपने विवाह को विशेष, हिन्दू और विदेशी विवाह कानून के तहत मान्यता देने का अनुरोध किया है।
इस संबंध में उच्च न्यायालय में कुल आठ याचिकाएं दायर की गई हैं।
अभिजीत अय्यर मित्रा की लंबित याचिका की सुनवाई के सीधा प्रसारण का अनुरोध करते हुए कर्नाटक और मुंबई के निवासियों अखिलेश गोदी, प्रसाद राज दांडेकर और श्रीपद राणाडे ने अर्जी दी है।
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