नयी दिल्ली, 16 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की तरफ से निजामुद्दीन मरकज को खोलने के लिये दी गई याचिका पर केंद्र को जवाब देने के लिये शुक्रवार को दो हफ्तों का समय दिया है। पिछले साल कोविड-19 महामारी के दौरान ही मरकज में तबलीगी जमान का सम्मेलन हुआ था और यह पिछले साल 31 मार्च से बंद है।
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कहा कि केंद्र ने अब तक इस याचिका के गुणदोष पर कोई जवाब दायर नहीं किया है और पूछा कि क्या उसका कोई जवाब दायर करने का इरादा है भी?
न्यायाधीश ने कहा, “आप जवाब दायर करना चाहते हैं या नहीं? आपने पहले दिन हलफनामा दायर करने के लिये समय लिया था।” उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र द्वारा पूर्व में दायर की गई स्थिति रिपोर्ट महज रमजान के महीने में मरकज को खोलने के बारे में थी।
केंद्र की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता रजत नायर ने अदालत से एक और मौका देने का अनुरोध किया और कहा कि वह याचिका पर एक संक्षिप्त जवाब दायर करेंगे।
अदालत ने जवाब पर प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए बोर्ड को तीन हफ्ते का समय दिया।
इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 13 सितंबर तय की गई है।
अदालत ने 15 अप्रैल को रमजान के दौरान निजामुद्दीन मरकज में एक दिन में 50 लोगों को पांच वक्त नमाज अदा करने की इजाजत देते हुए कहा था कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की अधिूसूचना में प्रार्थना स्थलों को बंद करने के बारे में कोई निर्देश नहीं है।
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