नयी दिल्ली, 28 सितंबर : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने दक्षिण दिल्ली के कालकाजी मंदिर से अतिक्रमण और अनधिकृत कब्जाधारियों और उन दुकानदारों को हटाने का सोमवार को निर्देश दिया, जिनके पास दुकानों पर कब्जे का कोई वैध अधिकार नहीं है और कहा कि आगामी नवरात्रि उत्सव को देखते हुए पांच दिन के अंदर कार्रवाई हो. उच्च न्यायालय ने कहा कि उस मंदिर के लिए यह जरूरी है, जहां हर दिन हजारों भक्त पूजा करने के लिए आते हैं कि उसे अनधिकृत अतिक्रमण से बचाया जाए जिस वजह से भक्तों को अत्यधिक असुविधा और सुरक्षा संबंधी चिंताएं होती हैं.
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने धार्मिक स्थल के संबंध में विभिन्न कार्यों को करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, न्यायमूर्ति जे आर मिधा को कालकाजी मंदिर का प्रशासक नियुक्त किया. न्यायाधीश ने कालकाजी मंदिर और आसपास के पूरे परिसर के लिए एक पुनर्विकास योजना प्रस्तुत करने के लिए प्रसिद्ध वास्तुकार, गुनमीत सिंह चौहान को भी नियुक्त किया और कहा कि वह प्रशासक और उनकी टीम के साथ मिलकर काम करेंगे. यह भी पढ़ें : पाकिस्तान, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड का दौरा रद्द होने पर भारत को कोसना बंद करे पाकिस्तान: अधिकारी
उन्होंने अपने 77 पन्नों के आदेश में अतिक्रमण और दुकानदारों द्वारा किए गए अवैध कब्जे को हटाने के लिए दक्षिण दिल्ली नगर निगम और दिल्ली विकास प्राधिकरण से कहा तथा दिल्ली पुलिस को इसमें सहयोग करने को कहा.