मुंबई, 5 जुलाई: उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र के बजट में महिलाओं, युवाओं और किसानों के लिए घोषित योजनाएं "चुनावी हथकंडे" नहीं हैं. उन्होंने इन पहलों पर सरकार का उपहास उड़ाने को लेकर विपक्ष की आलोचना की. वित्त मंत्रालय संभालने वाले पवार ने विधानसभा में पिछले सप्ताह पेश किए गए बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि यह उनका 10वां बजट है और वह अच्छी तरह से जानते हैं कि योजनाएं बजटीय आवंटन के अनुरूप हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था स्थिर स्थिति में है. उन्होंने कहा कि भले ही पिछले वर्ष की तुलना में कर्ज में 10.67 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन यह सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 18.35 प्रतिशत है जो 25 प्रतिशत की निर्धारित सीमा के भीतर है.
राज्य में इस साल के अंत में चुनाव होने से पहले एकनाथ शिंदे सरकार का आखिरी बजट पेश करते हुए पवार ने महिलाओं, युवाओं और किसानों तथा समाज के अन्य वर्गों के लिए रियायतों की घोषणा की थी, जिसमें 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक का परिव्यय शामिल है. विपक्ष ने इसे "आश्वासनों की झड़ी" बताते हुए कहा था कि इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि घोषित योजनाओं के लिए धन कैसे जुटाया जाएगा. राकांपा (शरदचंद्र पवार) की लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने बृहस्पतिवार को 'लड़की बहिन' योजना पर निशाना साधते हुए कहा था कि यह केवल एक "जुमला" है. यह भी पढ़ें : नीट मामले में अपनी गलती छिपाने के लिए लाखों बच्चों की आशाओं को खत्म कर रहा है केंद्र: गहलोत
बजट में घोषित 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना' के तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे. पवार ने कहा कि महिलाओं ने इस योजना का स्वागत किया है. राकांपा नेता ने कहा, ''मुझे उस योजना के लिए विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है जिसका उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना है.'' उन्होंने कहा कि सरकार इसमें सुधार के लिए तैयार है. पवार ने लोकसभा चुनाव से पहले महिलाओं को 8,500 रुपये की मासिक सहायता देने का वादा करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की.