नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने सोमवार को और राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की संभावनाओं को खारिज नहीं किया और कहा कि फ्रांस निर्मित बहुउद्देशीय विमानों के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की अभियान संबंधी क्षमता में इजाफा हुआ है।
वायु सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि सरकार 83 हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस (मार्क 1ए), 114 बहुभूमिका वाले लड़ाकू विमान (एमआरएफए) की खरीद पर ध्यान दे रही है। इसके साथ ही वह महत्वाकांक्षी आधुनिक मध्यम लड़ाकू विमानों के स्वदेश में ही विकास पर ध्यान देने के साथ एलसीए के उन्नत संस्करण रखने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।
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जब एयर चीफ मार्शल भदौरिया से पूछा गया कि क्या वायु सेना राफेल जेट विमानों के कम से कम दो और स्क्वाड्रन रखने पर विचार कर रही है तो उन्होंने कहा कि यह जटिल विषय है और वायु सेना की भविष्य की जरूरतों के आधार पर अनेक विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पूरे विषय पर विचार और चर्चा चल रही है।’’
राफेल विमानों के पहले बेड़े के वायु सेना में शामिल होने के संदर्भ में भदौरिया ने कहा, ‘‘राफेल विमानों के शामिल होने से आधुनिक हथियारों, सेंसर और प्रौद्योगिकियों से सुसज्जित प्लेटफॉर्म मिला है जो इस क्षेत्र में अभियान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी क्षमता प्रदान करता है।’’
सैन्य महकमे में कुछ अधिकारियों की राय रही है कि वायु सेना के अभियान संबंधी पहलुओं को देखते हुए उसके पास राफेल लड़ाकू विमानों के कम से कम चार बेड़े होने चाहिए। एक स्क्वाड्रन या बेड़े में 18 विमान होते हैं।
वायु सेना प्रमुख ने इस संबंध में कोई निर्णय लेने में बजट संबंधी सीमाओं को भी एक कारक बताया।
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