कल्याण बीघा (बिहार), 14 मई बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नालंदा जिले के अपने पैतृक गांव के दौरे के दौरान शनिवार को 11 वर्षीय बालक ने उनसे अपनी पढ़ाई जारी रखने में मदद करने की गुहार लगाई, क्योंकि उसके अभिभावक उसे नहीं पढ़ाना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री शनिवार को कल्याण बीघा गांव में अपने पिता कविराज रामलखन सिंह के नाम पर बने एक पार्क के परिसर में अपनी पत्नी मंजू सिन्हा की पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यापर्ण करने पहुंचे थे।
इसी दौरान बैरिकेड के पीछे खड़े बालक सोनू कुमार ने मुख्यमंत्री का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करते हुए उनसे हाथ जोड़कर आग्रह किया, ‘‘सर मुझे पढ़ने के लिए हिम्मत (शिक्षा प्राप्त करने में मदद) दीजिए, मेरे अभिभावक (पिता) मुझे पढ़ाना नहीं चाहते हैं।”
बालक के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने अपने साथ आए अधिकारियों को बच्चे की शिकायत को सुनने का निर्देश दिया।
प्रभारी जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने बच्चे की फरियाद को ध्यान से सुना। इस दौरान मौजूद गांव के एक बुजुर्ग ने लड़के के मेधावी होने की बात कही।
बाद में सरकारी स्कूल में छठी कक्षा के छात्र सोनू ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि वह आईएएस अधिकारी बनना चाहता है।
सोनू ने कहा, ‘‘मेरे पिता जीविका के लिए दुग्ध उत्पाद बेचते हैं लेकिन वह मेरी शिक्षा की परवाह नहीं करते।”
बालक ने आरोप लगाया कि उसके पिता जो कुछ भी कमाते हैं, वह शराब पर खर्च कर देते हैं।
उल्लेखनीय है कि बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी है।
बालक ने यह भी दावा किया कि अपनी पढ़ाई के लिए वह अपने से छोटे बच्चों को ट्यूशन देता है।
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