जम्मू, 12 फरवरी जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना शनिवार को कहा कि पड़ोसी देश से उपजा मादक पदार्थ रूपी आतंकवाद एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां इस खतरे से निपटने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही हैं।
उपराज्यपाल जम्मू में चन्नी बाईपास स्थित एक नशामुक्ति केंद्र के निर्माण की आधारशिला रखने के बाद एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।
जम्मू-कश्मीर में अपनी तरह के पहले इस केंद्र के निर्माण पर 5.57 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस राशि में से 3.57 करोड़ रुपये स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत मिलेंगे और भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण से सीएसआर के तहत दो करोड़ रुपये मिलेंगे। इसका निर्माण अगले साल फरवरी तक पूरा होने की संभावना है।
सिन्हा ने अपने प्रशासन और सभी तबकों के लोगों से संयुक्त रूप से मादक पदार्थ रूपी आतंकवाद की चुनौती का मुकाबला करने का संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने लोगों से उन युवाओं का भविष्य बचाने को कहा जो सीमा पार से भेजे जा रहे नशीले पदार्थों की साजिश का असल लक्ष्य हैं। पाकिस्तान का नाम लिए बिना सिन्हा ने कहा कि पड़ोसी देश सीमा पार से एक सुनियोजित साजिश के तहत मादक पदार्थ भेज रहा है।
उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘उद्देश्य स्पष्ट है और इसे समझने के लिए रॉकेट विज्ञान की आवश्यकता नहीं है। पारंपरिक संघर्ष में बार-बार हारने के बाद वे जम्मू-कश्मीर और पड़ोसी राज्यों में युवाओं को बर्बाद करने के लिए छद्म युद्ध में शामिल हैं। सुरक्षाबल (छद्म युद्ध में) भी बढ़त बनाए हुए हैं, लेकिन उनके (पाकिस्तान) नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए और अधिक करने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश से उपजे इस आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है।
उपराज्यपाल ने देशभर में मादक पदार्थ की समस्या वाले 272 जिलों का जिक्र करते हुए कहा कि इनमें से 10 जिले जम्मू-कश्मीर में हैं। उन्होंने कहा कि गरीब, मध्यम और उच्च वर्ग के बीच मादक पदार्थों का इस्तेमाल बढ़ा है। सिन्हा ने मादक पदार्थों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई की भी तारीफ की।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि पुलिस केंद्रशासित प्रदेश में मादक पदार्थ से मुक्ति दिलाने वाले 10 केंद्रों का संचालन कर रही है, जहां नशे के आदी 6000 से अधिक युवाओं का इलाज किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में मादक पदार्थों का इस्तेमाल बढ़ा है और पुलिस बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ तथा मादक पदार्थों की तस्करी से अर्जित की गई राशि बरामद कर रही है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से जुड़े लोग मादक पदार्थों की तस्करी से अर्जित राशि का इस्तेमाल दहशतगर्दी फैलाने के लिए करते हैं।
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