हैदराबाद, आठ सितंबर तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने सनातन धर्म के खिलाफ तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन और अन्य की टिप्पणियों की शुक्रवार को निंदा की। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें 'भारत' का नागरिक होने पर गर्व है।
सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन और तमिलनाडु के अन्य नेताओं की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसे (तमिलनाडु में कुछ लोगों द्वारा) इस तरह पेश किया गया जैसे कि 'सनातन' का मतलब जाति व्यवस्था है।
उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि मैं स्वयं तमिलनाडु से हूं और मैं वैचारिक रूप से उसके खिलाफ हूं।’’
राज्यपाल ने कहा, ‘‘ऐसे लोगों की संख्या काफी है जो उस विचारधारा में विश्वास करते हैं, उसका अनुसरण करते हैं और यह जीवन का एक अनुशासित तरीका है। वे सोचते हैं कि सनातन का मतलब केवल जाति व्यवस्था है। वे उसे केवल उसी तरह से पेश करते हैं। बहुत सारी अच्छी चीजें हैं।’’
सौंदराराजन ने कहा, ‘‘राजनीतिक रूप से, उन्हें इस तरह की बातों से फायदा होता है। पिछले 50 वर्षों से वे ऐसा कर रहे हैं। मुझे लगता है कि लोगों के एक वर्ग का अपमान करना सही नहीं है।’’ उन्होंने सवाल किया, एक वर्ग के लोगों का अपमान क्यों किया जाना चाहिए?
उन्होंने सवाल किया, ‘‘फिर भेदभाव क्यों? आपकी मंशा भेदभाव करने वाली है। लेकिन, आप कह रहे हैं कि सनातन धर्म भेदभाव कर रहा है।’’
‘इंडिया-भारत’ की बहस पर राय पूछे जाने पर राज्यपाल ने एक तमिल वाक्यांश का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि यह गर्व और विश्वास की बात है कि हम भारत के हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह वाक्यांश हमारे बहुत करीब और प्रिय है।’’
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