शासकीय अधिवक्ता दिनेश कुमार अग्रहरि ने बताया कि जिले के अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) अमित वीर सिंह ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आरोपी शिक्षक संतोष कुमार जायसवाल को दोषी करार दिया और सजा सुनाई।
अदालत ने जुर्माने की राशि में से एक लाख साठ हज़ार रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार जिले के बभनी थाना क्षेत्र की एक महिला ने सात नवम्बर 2019 को पुलिस को एक लिखित तहरीर देकर आरोप लगाया कि कक्षा पांच में पढ़ने वाली उसकी 12 वर्षीया बेटी छह नवम्बर 2019 को स्कूल में पढ़ने के लिए गई थी और छुट्टी होने के बाद सभी बच्चे अपने घर चले गए, लेकिन विद्यालय के अध्यापक संतोष कुमार जायसवाल ने उसकी बेटी को विद्यालय में ही रोक लिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी उसकी बेटी से दुष्कर्म करने बाद उसे घर पहुंचा कर चला गया और साथ ही उसको चेतावनी दी कि उक्त घटना के बारे में किसी को न बताए।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक पीड़िता ने अपनी मां को पूरी घटना से अवगत कराया, जिसके बाद उसने थाने में आकर तहरीर दी, जिसके आधार पर पुलिस ने पॉक्सो अधिनियम और दुष्कर्म की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर जांच की और अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।
पूरे मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी पाते हुए सजा सुना दी।
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