चेन्नई, 27 दिसम्बर सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने अपनी सहयोगी भाजपा को रविवार को स्पष्ट रूप से कहा कि पार्टी के अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने पर भगवा दल को सरकार में शामिल नहीं किया जा सकता। पार्टी ने कहा कि भाजपा तमिलनाडु की द्रविड़ भूमि में कोई पहचान नहीं बना सकती ।
अन्नाद्रमुक ने यहां अपनी पहली चुनावी रैली में संकेत दिया कि भाजपा को चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए के पलानीस्वामी की उम्मीदवारी का समर्थन करने और सरकार में उसकी (भाजपा) गैर-भागीदारी जैसी शर्तों को मानना चाहिए और यदि नहीं तो वह 2021 के अपने चुनावी विकल्पों पर पुनर्विचार करे।
अन्नाद्रमुक की शीर्ष नेता जे जयललिता और द्रमुक नेता एम करूणानिधि के निधन का जिक्र करते हुए वरिष्ठ नेता और अन्नाद्रमुक के उप समन्वयक के पी मुनुसामी ने कहा कि ऐसे नेताओं की अनुपस्थिति में ‘कई’ पार्टियां तमिलनाडु में राजनीतिक प्रवेश करने की कोशिश कर रही हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राष्ट्रीय दल, ‘‘अवसरवादी, विश्वासघाती और भीड़’’ द्रविड़ संगठनों पर दोषारोपण कर रही है कि उन्होंने राज्य के 50 साल के शासन में तमिलनाडु को बर्बाद कर दिया।
मुनुसामी ने हैरानी जताई कि अन्नाद्रमुक सरकार के खिलाफ अक्षमता का आरोप कैसे लगाया जा सकता है और वह भी तब जब केंद्र ने तमिलनाडु को कई क्षेत्रों में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए इतने पुरस्कार दिए हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, राज्य में समग्र अवसंरचना और सुविधाएं हैं, चाहे वह शिक्षा हो या स्वास्थ्य सुविधाएं हों।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ हासिल करने वाली ऐसी सभी ताकतों को समझना चाहिए कि तमिलनाडु उन्हें समर्थन नहीं देगा क्योंकि द्रविड़ विचारधारा राज्य के सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र का आधार है।
मुनुसामी ने यह टिप्पणी मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी, उपमुख्यमंत्री और पन्नीरसेल्वम तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में की।
पन्नीरसेल्वम के करीबी माने जाने वाले वरिष्ठ नेता मुनुसामी ने अपने संदेश में स्पष्ट किया कि भाजपा तमिलनाडु में अकेले सफल नहीं हो सकती है और अन्नाद्रमुक पर बहुत अधिक निर्भर है।
उन्होंने संकेत दिया कि भाजपा को यह स्वीकार करना चाहिए कि अन्नाद्रमुक वरिष्ठ सहयोगी है और उसे पलानीस्वामी की उम्मीदवारी का समर्थन करना चाहिए या वह 2021 के चुनावों के लिए अपने चुनावी विकल्पों पर पुनर्विचार कर सकती है।
हालांकि मुनुसामी ने सीधे तौर पर भाजपा का नाम नहीं लिया, लेकिन यह स्पष्ट था कि यह संदेश केंद्र सरकार का नेतृत्व करने वाली राष्ट्रीय पार्टी के लिए था।
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय पार्टी हो या राज्य पार्टी... सरकार का नेतृत्व अन्नाद्रमुक करेगी। गठबंधन सरकार की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि कोई भी राजनीतिक दल एक गठबंधन सरकार के विचार के साथ गठबंधन की व्यवस्था के लिए आगे आता है, तो कृपया वह इसके बारे में सोच लें।’’
वरिष्ठ नेता ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अगले साल होने वाले चुनावों में जीत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने का आह्वान किया।
तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन में भाजपा के अलावा पीएमके समेत अन्य घटक दल भी हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को यहां स्पष्ट रूप से यह कहने से इनकार कर दिया था कि क्या अन्नाद्रमुक के साथ उनकी पार्टी के संबंध जारी हैं या क्या भाजपा ने पलानीस्वामी की उम्मीदवारी का समर्थन किया है।
तमिलनाडु में अप्रैल-मई 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
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