इरोड (तमिलनाडु), 29 जून तमिलनाडु के चर्चित जबरन अंडाणु दान मामले में जिस 16 वर्षीय नाबालिग लड़की को अंडाणु दान करने के लिए मजबूर किया गया, उसने यहां के सरकारी बालिका संरक्षण गृह में आत्महत्या करने की कोशिश की। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
बाल कल्याण अधिकारी और पुलिस ने बताया कि लड़की को मामले में उसकी मां और अन्य को गिरफ्तार करने के बाद बालिका संरक्षण गृह में रखा गया था। उन्होंने बताया कि लड़की को आठ बार विभिन्न प्रजनन केंद्रों में अंडाणु दान करने के लिए मजबूर किया गया था।
उन्होंने बताया कि लड़की मंगलवार को शौचालय में गई और सफाई करने में इस्तेमाल होने वाला रसायन पी लिया।
अधिकारियों ने कहा कि बाद में उसने स्वयं बालिका संरक्षण गृह के अधिकारियों को बताया कि उसने आत्महत्या करने की कोशिश की है जिसके बाद लड़की को सरकारी अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि इलाज के बाद डॉक्टरों ने ‘‘लड़की को खतरे से बाहर’’ बताया है।
इस बीच, संवाददाताओं से बातचीत में जिला बाल कल्याण अधिकारी श्रवणन ने कहा कि लड़की अवसाद से ग्रस्त है और इसलिए उसने यह कदम उठाया। उन्होंने कहा कि अब उसकी सेहत ठीक है।
बताया जा रहा है कि लड़की अकसर अधिकारियों से घर या किसी रिश्तेदार के यहां भेजने की मांग करती थी, लेकिन अधिकारी उसके अनुरोध को ठुकरा देते थे क्योंकि लड़की की मां जेल में है और रिश्तेदारों ने उसे रखने से इनकार कर दिया है।
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि लड़की को बृहस्पतिवार तक अस्पताल में रखा जाएगा। इस बीच, लड़की का जहां इलाज चल रहा है वहां सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
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