जरुरी जानकारी | स्विट्जरलैंड के भारत का एमएफएन का दर्जा वापस लेने का हम पर कोई असर नहीं : नेस्ले इंडिया

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर रोजमर्रा के उपभोग का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि स्विट्जरलैंड द्वारा भारत को दिए गए एमएफएन (सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र) के दर्जे को निलंबित करने का कंपनी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

एफएमसीजी कंपनी ने बयान में कहा, दोहरे कराधान बचाव समझौते (डीटीएए) के तहत एमएफएन दर्जे का निलंबन भारत और स्विट्जरलैंड सरकार के बीच एक नीतिगत मुद्दा है। इसका सीधे तौर पर नेस्ले से कोई नाता नहीं है।

नेस्ले इंडिया के पास मैगी, नेस्कैफे और किटकैट जैसे लोकप्रिय ब्रांड का स्वामित्व है।

कंपनी पहले से ही सीमापार भुगतान पर ‘‘10 प्रतिशत ‘विदहोल्डिंग कर’ की कटौती’’ कर रही है।

स्विट्जरलैंड ने 11 दिसंबर को दोहरे कराधान से बचाव के लिए भारत के साथ हुए समझौते में ‘सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र’ (एमएफएन) के प्रावधान को निलंबित कर दिया था।

स्विट्जरलैंड के वित्त मंत्रालय ने 11 दिसंबर को बयान में एमएफएन दर्जा वापस लेने की जानकारी देते हुए कहा था कि यह कदम भारत के उच्चतम न्यायालय के पिछले साल आए एक फैसले के संदर्भ में उठाया गया है।

उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि अगर किसी देश के 'आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन' (ओईसीडी) में शामिल होने से पहले भारत सरकार ने उस देश के साथ कर संधि पर हस्ताक्षर किए हैं तो एमएफएन प्रावधान अपने-आप लागू नहीं होता है।

इससे स्विट्जरलैंड में परिचालन करने वाली भारतीय कंपनियों की कर देनदारियां बढ़ गई थीं।

नेस्ले इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ यह मामला नेस्ले से संबंधित नहीं है, बल्कि यह भारत तथा स्विट्जरलैंड के बीच नीतिगत मामला है। हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि नेस्ले इंडिया पहले ही 10 प्रतिशत ‘विदहोल्डिंग टैक्स’ की कटौती कर रही है और इसका हम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। ’’

स्विट्जरलैंड की एफएमसीजी कंपनी नेस्ले एसए के लिए भारत शीर्ष 10 बाजारों में से एक है, जहां यह 112 साल से परिचालन कर रही है।

कंपनी अपनी विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय बाजार में 2020-2025 की अवधि में 6,000-6,500 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।

नेस्ले इंडिया यहां नौ कारखानों का परिचालन करती है। कंपनी ओडिशा में 10वां कारखाना स्थापित करने की प्रक्रिया में है। वित्त वर्ष 2023-24 में इसका राजस्व 24,393.9 करोड़ रुपये था।

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